नई दिल्ली :- देश में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा मंडराने लगा है। हाल ही में सामने आए आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि कोविड-19 के मामले धीमी रफ्तार से ही सही, लेकिन बढ़ते जा रहे हैं। जहां पिछले कुछ महीनों से कोरोना को लेकर लोगों में ढिलाई देखने को मिल रही थी, अब वही लापरवाही चिंताजनक रूप लेने लगी है।
पिछले दो दिनों में देश में कोरोना संक्रमण से दो लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल देश में कुल 363 सक्रिय मामले हैं, जो पहले की तुलना में वृद्धि को दर्शाते हैं। केरल और कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र में भी मामलों में तेजी आई है। हाल ही में महाराष्ट्र में 43 नए केस सामने आए हैं, जिनमें एक 21 वर्षीय युवक की मौत ठाणे जिले में दर्ज की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया उभार किसी नए वैरिएंट के कारण हो सकता है या फिर मौसमी बदलाव के कारण वायरस के पुनर्सक्रिय होने की संभावना भी है। हालांकि अभी तक किसी नए और खतरनाक वैरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हो चुकी हैं।
महाराष्ट्र के अलावा, दिल्ली, तमिलनाडु और गोवा में भी कुछ नए मामले दर्ज किए गए हैं। खास बात यह है कि इन मामलों में कुछ मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत भी आई है, हालांकि अधिकतर संक्रमित लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। खासकर हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अस्पतालों में मास्क और सैनिटाइज़र के उपयोग को बढ़ावा देने को कहा गया है। स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर भी निगरानी बढ़ाने की बात कही गई है।
विशेषज्ञों ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत कोविड टेस्ट कराएं और खुद को आइसोलेट करें। इसके अलावा, जिन्होंने अब तक बूस्टर डोज नहीं ली है, उन्हें शीघ्रता से वैक्सीन लेने की सलाह दी गई है।
पिछले अनुभवों को देखते हुए यह जरूरी है कि हम फिर से सावधानी बरतें और यह न समझें कि कोरोना पूरी तरह खत्म हो गया है। भले ही अब स्थिति पहले जैसी गंभीर न हो, लेकिन लापरवाही के चलते यह फिर से गंभीर रूप ले सकती है।
निष्कर्षतः, कोविड-19 का यह हल्का उभार हमें यह याद दिलाता है कि यह वायरस अब भी हमारे बीच है। हमें जिम्मेदारी से व्यवहार करना होगा ताकि हालात फिर से बेकाबू न हों।