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उत्तर भारत को लू से राहत, पहाड़ी राज्यों में बारिश का कहर, महाराष्ट्र में भी भारी बारिश का अलर्ट

नई दिल्ली :- देश के कई हिस्सों में जहां गर्मी ने हाल के दिनों में लोगों का जीना मुश्किल कर दिया था, वहीं अब मौसम ने करवट ले ली है। दिल्ली-एनसीआर में लू से राहत मिलने लगी है, तो वहीं हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कई जिलों में तेज बारिश और ओलावृष्टि का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने जारी किया है। महाराष्ट्र में भी भारी बारिश की चेतावनी ने प्रशासन और किसानों को सतर्क कर दिया है।

दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश ने दी राहत

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे इलाकों जैसे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में शुक्रवार देर शाम से बादलों ने डेरा डालना शुरू कर दिया था। शनिवार सुबह हल्की बारिश और तेज हवाओं ने तापमान में गिरावट दर्ज करवाई। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दो दिनों में भी गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है, जिससे लू का प्रकोप फिलहाल थम जाएगा।

हिमाचल और पंजाब में अलर्ट

मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, शिमला, मंडी, चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर और सोलन जिलों में तेज बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी का रेड अलर्ट जारी किया है। पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम की यह अचानक बदलाव पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। पंजाब के कई जिलों में भी बारिश के साथ बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।

महाराष्ट्र में मानसून की दस्तक से पहले ही बारिश

महाराष्ट्र के कोकण, मध्य महाराष्ट्र और विदर्भ क्षेत्र में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। मुंबई, पुणे, और नागपुर जैसे प्रमुख शहरों में तेज बारिश और जलभराव की स्थिति बन सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि यह पूर्व मानसूनी गतिविधियों का असर है और आने वाले सप्ताह में मॉनसून की हल्की बौछारें भी दिखाई दे सकती हैं।

कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद, लेकिन चेतावनी जरूरी

इस समय हो रही बारिश से कई फसलों को लाभ मिलने की संभावना है, विशेष रूप से गेहूं और दलहन की कटाई पूरी हो चुकी है, और अब खरीफ की बुवाई से पहले यह वर्षा फायदेमंद साबित हो सकती है। हालांकि, ओलावृष्टि और बिजली गिरने की घटनाएं किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।

देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का यह बदलाव निश्चित तौर पर गर्मी से राहत लेकर आया है, लेकिन इसके साथ सतर्कता की भी आवश्यकता है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बारिश के चलते भूस्खलन और जलभराव जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज न करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। मौसम की यह करवट एक बार फिर दिखा रही है कि प्रकृति की शक्ति को समझना और उसके साथ तालमेल बैठाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

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