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भारत में फिर बढ़ा कोविड का खतरा: तेजी से फैल रहा JN.1 सब-वेरिएंट, एक्टिव केस 250 के पार

नई दिल्ली :- कोविड-19 भले ही वैश्विक महामारी के रूप में अपना चरम पार कर चुका हो, लेकिन इसके नए-नए रूप अब भी दुनिया को चुनौती दे रहे हैं। भारत में एक बार फिर कोरोना का नया सब-वेरिएंट JN.1 तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में इस वेरिएंट से जुड़े 257 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें अधिकतर केस दक्षिण भारत के राज्यों से सामने आए हैं।

क्या है JN.1 वेरिएंट?

JN.1 ओमिक्रॉन का ही एक नया सब-वेरिएंट है, जिसे वैज्ञानिकों ने सबसे पहले सिंगापुर और अमेरिका में पहचाना था। यह वेरिएंट अधिक तेजी से फैलने वाला है और इसकी ट्रांसमिशन दर पुराने वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा मानी जा रही है। हालांकि, अब तक इसे घातक नहीं माना गया है, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों के लिए यह गंभीर साबित हो सकता है।

लक्षणों में थोड़ा अंतर

JN.1 से संक्रमित मरीजों में अब तक जो लक्षण देखे गए हैं, उनमें तेज बुखार, गले में खराश, हल्की खांसी, बदन दर्द और थकान प्रमुख हैं। कुछ मामलों में पेट दर्द और डायरिया जैसी समस्याएं भी देखी गई हैं। हालांकि, राहत की बात यह है कि अधिकतर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है और वे होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। विशेषकर हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क अनिवार्य करने के सुझाव दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। केंद्र सरकार ने परीक्षण, निगरानी और टीकाकरण को फिर से प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।

क्या पुराने टीके असरदार हैं?

JN.1 वेरिएंट को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पहले से उपलब्ध वैक्सीनेशन इससे सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं? विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड के खिलाफ बने अधिकांश टीके इस वेरिएंट से आंशिक सुरक्षा देते हैं। जिन लोगों ने बूस्टर डोज ले रखी है, उनमें संक्रमण की संभावना कम देखी जा रही है, और यदि होती भी है तो वह हल्की होती है।

जनता के लिए जरूरी सावधानियां

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आम जनता से अपील की है कि वे मास्क पहनने की आदत दोबारा अपनाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और हाथों की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। विशेषकर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार व्यक्तियों को अतिरिक्त सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

JN.1 वेरिएंट एक बार फिर याद दिला रहा है कि कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। बदलती परिस्थितियों में हमें भी अपनी आदतों और सतर्कता को बनाए रखना होगा। अगर हम समय रहते सावधानी बरतें, तो एक और कोविड लहर से खुद को और समाज को बचा सकते हैं।

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