श्रीनगर :- जिसे आमतौर पर ठंडे मौसम और सुहानी वादियों के लिए जाना जाता है, इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। मई महीने में श्रीनगर का तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो पिछले 57 वर्षों में दर्ज किया गया सबसे अधिक तापमान है। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए असहज स्थिति बनाता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन को लेकर भी एक बड़ा संकेत है।
गर्म हवाएं और लू ने किया बेहाल
श्रीनगर के अलावा जम्मू में भी गर्मी ने अपना कहर बरपाया है। जम्मू में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो सामान्य से कहीं अधिक है। अधिकतम तापमान के साथ-साथ गर्म हवाओं, यानी लू ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आमतौर पर मई महीने में कश्मीर घाटी में मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल उलट नजर आ रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में तापमान और भी अधिक बढ़ सकता है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न हुई है। पश्चिमी विक्षोभ की कमी और स्थानीय हवाओं की दिशा में बदलाव के चलते इस बार मई में गर्मी असहनीय स्तर तक पहुंच गई है।
स्थानीय लोग कर रहे हैं गर्मी से जूझने की कोशिश
श्रीनगर और आसपास के इलाकों में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए पारंपरिक उपायों का सहारा ले रहे हैं। छांव में बैठना, ठंडे पेय पदार्थों का सेवन, और दोपहर में बाहर निकलने से बचना आम हो गया है। हालांकि, लंबे समय तक इतनी गर्मी पड़ने की वजह से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर देखने को मिल रहा है। खासकर बुजुर्ग, बच्चे और हृदय रोगी इस स्थिति में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
पर्यटन पर भी असर
कश्मीर को गर्मी से राहत पाने के लिए हर साल लाखों पर्यटक देशभर से आते हैं, लेकिन इस बार गर्मी ने यहां की आम छवि को भी चुनौती दे दी है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि कुछ पर्यटक गर्मी की वजह से अपनी बुकिंग रद्द कर रहे हैं, जबकि अन्य पहले की अपेक्षा कम समय के लिए ठहर रहे हैं