हरियाणा :- हरियाणा में बुधवार का दिन तबाही का पैगाम लेकर आया। अचानक बदले मौसम ने पूरे प्रदेश में अफरा-तफरी मचा दी। कई जिलों में आई तेज आंधी और बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने पेड़, बिजली के खंभे और कच्चे-पक्के ढांचे उखाड़ फेंके। प्रशासन के मुताबिक, प्रदेशभर में 1100 से ज्यादा बिजली के खंभे और करीब 635 पेड़ तेज हवाओं की भेंट चढ़ गए। इस प्राकृतिक कहर ने तीन लोगों की जान भी ले ली, जिनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
कैथल जिले में यह हादसा उस वक्त हुआ जब दो नाबालिग बच्चे एक खेत की ओर जा रहे थे। तेज हवा की वजह से ट्रैक्टर-ट्रॉली का संतुलन बिगड़ गया और वह बच्चों से जा टकराई। मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। यह खबर पूरे इलाके में शोक की लहर ले आई। वहीं पानीपत में एक महिला की उस वक्त जान चली गई जब तेज हवा और बारिश की वजह से उसके मकान की छत ढह गई। हादसे के समय वह अपने बच्चों के साथ घर के अंदर थी। हालांकि बच्चे सुरक्षित बच गए, लेकिन महिला की जान नहीं बच सकी।
इन घटनाओं के बाद प्रशासन ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। बिजली विभाग की टीमों को तत्काल प्रभावित इलाकों में भेजा गया है, जहां खंभे और तार गिरने से कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। साथ ही, सड़कों से गिरे पेड़ों और मलबे को हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
मौसम विभाग का कहना है कि यह तूफान वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और नमी युक्त हवाओं के कारण पैदा हुआ था, जो राजस्थान और पंजाब की ओर से होते हुए हरियाणा में प्रवेश कर गया। अगले कुछ दिनों में भी प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
हरियाणा सरकार ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा जिन किसानों की फसलें या संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनका सर्वे करवाकर मुआवजा देने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस आपदा ने एक बार फिर यह संकेत दिया है कि जलवायु परिवर्तन का असर अब हमारे रोज़मर्रा के जीवन पर साफ तौर पर दिखने लगा है। असमय तूफान, अस्थिर तापमान और अनियमित बारिश अब सामान्य घटनाएं बनती जा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते संरक्षण को प्राथमिकता नहीं दी गई।