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उत्तर भारत में लू का कहर, तापमान ने तोड़े रिकॉर्ड; यूपी के 13 जिलों में आरेंज अलर्ट जारी

नई दिल्ली :- उत्तर भारत इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर में सबसे अधिक 45.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो इस सीजन का अब तक का उच्चतम है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में आरेंज अलर्ट जारी किया है और लोगों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है। अगले 48 घंटों में गर्मी और तेज होने की संभावना जताई गई है।

राजधानी दिल्ली में हालात गंभीर

दिल्ली में बीते कुछ दिनों से तापमान लगातार 44 डिग्री के पार बना हुआ है। हीट वेव (लू) की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है। स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं और चिकित्सक लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह दे रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में 13 जिलों पर लू का खतरा

मौसम विभाग ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, फतेहपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, महोबा, सोनभद्र, मिर्जापुर, आगरा और इटावा समेत 13 जिलों में आरेंज अलर्ट घोषित किया है। लू के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में धूल भरी आंधी और गर्म हवाओं के चलते लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।

राजस्थान और हरियाणा में भीषण गर्मी

राजस्थान के श्रीगंगानगर, चुरू, बीकानेर, और नागौर जिलों में पारा 45 डिग्री से ऊपर चला गया है। किसान वर्ग को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि खेतों में काम करना अब मुश्किल हो गया है। हरियाणा के हिसार और रोहतक में भी तापमान 44 डिग्री पार कर गया है।

वायु प्रदूषण बना दोहरी मुसीबत

गर्मी के साथ-साथ उत्तर भारत में धूल भरी हवाएं और प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खासकर दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से ऊपर पहुंच गया है जो ‘खराब’ से ‘अत्यंत खराब’ श्रेणी में आता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

डॉक्टरों का कहना है कि अधिक तापमान और गर्म हवाएं हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, सिरदर्द और उल्टी-दस्त जैसी समस्याएं बढ़ा सकती हैं। बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

सरकार की तैयारी और सलाह

राज्य सरकारों ने स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन इकाइयों को अलर्ट मोड पर रखा है। जगह-जगह पानी के टैंकर, शीतल पेय केंद्र और प्राथमिक चिकित्सा कैंप लगाए जा रहे हैं। लोगों को सुबह और शाम के वक्त ही बाहर निकलने की सलाह दी गई है।

निष्कर्ष: सावधानी ही बचाव

इस समय उत्तर भारत में लू से बचाव के लिए लोगों को पर्याप्त पानी पीना, हल्के और ढीले कपड़े पहनना और घर से बाहर निकलते समय छाया या टोपी का उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि यह तापमान अगले एक सप्ताह तक ऐसे ही बना रह सकता है।

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