अमृतसर (पंजाब):- पंजाब के अमृतसर जिले में नकली शराब पीने से 21 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सरकार ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर मेथनॉल के नियमन की मांग की है, जो वर्तमान में खुलेआम बाजार में उपलब्ध है।
सरकार की कार्रवाई
हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “हमने इस मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है, और आगे की जांच जारी है।” सरकार ने नकली शराब की बिक्री को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “ये मौतें नहीं, बल्कि हत्याएं हैं। हम दोषियों को बख्शेंगे नहीं।”
पीड़ित परिवारों को मुआवजा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा, राज्य सरकार मृतकों के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च वहन करेगी। मान ने कहा, “दुख की इस घड़ी में इन परिवारों को नौकरी व अन्य सुविधाओं के रूप में हरसंभव सहायता भी दी जाएगी।”
जांच और गिरफ्तारियां
पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि जांच में पता चला है कि नकली शराब बनाने के लिए मेथनॉल का उपयोग किया गया था, जो ऑनलाइन खरीदा गया था। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी से पूछताछ में पता चला कि साहिब सिंह नामक व्यक्ति ने मेथनॉल का ऑनलाइन ऑर्डर दिया और फिर उसे वितरित किया।
विपक्ष की आलोचना
विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार पर शराब माफिया को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा के इस्तीफे की मांग की है।
प्रशासन की तैयारी
अमृतसर जिला प्रशासन ने कई मेडिकल टीम तैनात की हैं जो प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर उन लोगों की जांच कर रही हैं जिन्होंने संभवतः नकली शराब पी थी। उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा, “हमें जैसे ही इसके बारे में जानकारी मिली, हमने तुरंत मेडिकल टीम तैनात कर दी। हमारी टीम घर-घर जाकर लोगों से मिल रही हैं।”
नकली शराब की समस्या
पंजाब में नकली शराब की समस्या एक बड़ा मुद्दा है। इससे पहले मार्च 2024 में संगरूर जिले में नकली शराब के सेवन से 20 लोगों की जान चली गई थी। 2020 में तरनतारन, अमृतसर और बटाला में नकली शराब पीने के कारण कुल 120 लोगों की मौत हुई थी।
आगे की कार्रवाई
सरकार ने नकली शराब की बिक्री को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। पुलिस और आबकारी विभाग की टीमें नकली शराब के कारोबारियों के खिलाफ अभियान चला रही हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे नकली शराब के बारे में जानकारी दें और इसकी बिक्री को रोकने में सहयोग करें ।