इस्लामाबाद :- भारत की कूटनीतिक और रणनीतिक सक्रियता से एक बार फिर पाकिस्तान की सत्ता में हड़कंप मच गया है। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी को जासूसी के आरोप में अवांछित व्यक्ति (persona non grata) घोषित करते हुए 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दे दिया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि संबंधित अधिकारी “भारत की खुफिया एजेंसियों के लिए कार्य कर रहे थे और पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों में शामिल थे।” हालांकि, इस दावे के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया है। भारत सरकार की ओर से फिलहाल इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में इसे एक और “बौखलाहट भरा कदम” माना जा रहा है।
दरअसल, हाल ही में भारत द्वारा सीमा पार से हो रही घुसपैठ पर सख्त जवाबी कार्रवाई की गई है। नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की सक्रियता, आतंकी लॉन्च पैड्स पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक्स जैसी कार्रवाई ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर असहज स्थिति में ला खड़ा किया है। पाकिस्तान के भीतर बढ़ते दबाव, आर्थिक बदहाली और आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता ने उसकी विदेश नीति को और अधिक आक्रामक और असंतुलित बना दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान की एक पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जहां वह भारत पर आरोप लगाकर ध्यान भटकाना चाहता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपने पक्ष को मज़बूत करने की कोशिश करता है। इससे पहले भी पाकिस्तान ने कई बार भारतीय अधिकारियों पर जासूसी के आरोप लगाए हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में या तो आरोप प्रमाणित नहीं हो पाए या बाद में खारिज कर दिए गए।