भारत-पाकिस्तान:- भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख को टेरिटोरियल आर्मी को तैनात करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर लिया गया है।
तनाव की पृष्ठभूमि
पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे जिन्हें भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की है जिसमें कई आतंकवादी मारे गए हैं।
टेरिटोरियल आर्मी की भूमिका
टेरिटोरियल आर्मी एक अर्धसैनिक बल है जो युद्ध के समय में भारतीय सेना की सहायता करने के लिए तैनात किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना और आपातकालीन स्थितियों में मदद करना है। टेरिटोरियल आर्मी के जवान आम तौर पर अपने नियमित कार्यों के अलावा सेना की सहायता करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं।
सेना की तैयारी
भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सेना प्रमुख ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सुरक्षा स्थिति पर नजर रखी हुई है और उन्होंने सेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
सरकार के कदम
सरकार ने भी सुरक्षा स्थिति को देखते हुए कई कदम उठाए हैं। कई शहरों में ब्लैकआउट लगाया गया है और लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा कई हवाई अड्डों को भी बंद कर दिया गया है और उड़ानों का संचालन रोक दिया गया है।
राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था
कई राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और कई जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा पंजाब और गुजरात में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने कहा है कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में हस्तक्षेप नहीं करेगा। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने कहा कि यह युद्ध “मूल रूप से हमारे व्यवसाय का हिस्सा नहीं है”। चीन ने भी कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और स्थिरता की कामना करता है।
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव दोनों देशों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है। सरकार और सेना ने सुरक्षा स्थिति को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए हैं और टेरिटोरियल आर्मी की तैनाती से सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी। हमें उम्मीद है कि दोनों देश शांति और बातचीत के माध्यम से अपने मतभेदों को सुलझाने का प्रयास करेंगे।