नई दिल्ली:- भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बाद कूटनीतिक मोर्चे पर भी बड़ी पहल की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कतर के प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री के अलावा स्पेन, जर्मनी और जापान के विदेश मंत्रियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से जानकारी दी और भारत के पक्ष को रखा।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य कार्रवाई है जिसके तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर 24 सटीक मिसाइल हमले किए। इनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ शामिल हैं। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई है।
दुनिया को दी गई जानकारी
भारत के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई देशों के वरिष्ठ अधिकारियों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पूरी जानकारी दी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्वयं कई देशों के अपने समकक्ष मंत्रियों से फोन पर बात की और उन्हें भारत के पक्ष से अवगत कराया।
सर्वदलीय बैठक
केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सभी दलों के नेताओं को सैन्य कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने प्रस्तावित बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार राजनीतिक नेताओं को पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सैन्य हमलों के बारे में जानकारी देगी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सिंगापुर ने अपने नागरिकों के लिए यात्रा सलाह जारी की, जिसमें उन्हें भारत और पाकिस्तान की सभी गैर-जरूरी यात्राओं से बचने की सलाह दी गई है। वहीं, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे और उन्होंने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
आगे की कार्रवाई
भारतीय सेना ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत अभी केवल 9 ठिकानों पर ही हमला हुआ है, और उनकी लिस्ट में अभी 12 और आतंकी ठिकानों के नाम हैं। इन ठिकानों पर भी भारतीय सेना हमला करके आतंक का पूरी तरह से खात्मा करने की तैयारी में है।
राजनीतिक समर्थन
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार को आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई में समर्थन देगी। वहीं भाजपा नेता एन रामचंदर राव ने कहा कि भारत को दूसरे देश द्वारा प्रोत्साहित किए जा रहे आतंकवादियों के खिलाफ अपने अधिकारों की रक्षा करनी थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक पहल से पता चलता है कि देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से तैयार है। सरकार ने सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ कूटनीतिक मोर्चे पर भी बड़ी पहल की है जिससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की स्थिति मजबूत हो सके।