नई दिल्ली:- ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर लक्षित मिसाइल हमलों के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस हमले के बाद सुरक्षा और हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण 18 हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जिससे 200 से अधिक उड़ानें रद्द हुई हैं।
प्रभावित हवाई अड्डे और उड़ानें
इन हवाई अड्डों में श्रीनगर, लेह, जम्मू, अमृतसर, पठानकोट, चंडीगढ़, जोधपुर, जैसलमेर, शिमला, धर्मशाला और जामनगर प्रमुख हैं। एयरलाइनों ने विभिन्न हवाई अड्डों से आने-जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी हैं, जिनमें एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, एयर इंडिया एक्सप्रेस और अकासा एयर शामिल हैं।
एयरलाइनों की प्रतिक्रिया
– इंडिगो: इंडिगो ने सबसे अधिक उड़ानें रद्द की हैं, जिनकी संख्या 165 है। एयरलाइन ने यात्रियों को सूचित किया है कि हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण उनकी उड़ानें रद्द की गई हैं।
– एयर इंडिया: एयर इंडिया ने भी जम्मू, श्रीनगर, लेह और अमृतसर सहित कई शहरों से आने-जाने वाली सेवाएं निलंबित कर दी हैं। एयरलाइन ने यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों या रिफंड का विकल्प दिया है।
– स्पाइसजेट: स्पाइसजेट ने भी उत्तर भारत के कई हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द की हैं और यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों या रिफंड का विकल्प दिया है।
दिल्ली हवाई अड्डे पर प्रभाव
देश के सबसे व्यस्ततम दिल्ली हवाई अड्डे पर भी उड़ानें प्रभावित हुई हैं। कम से कम 35 उड़ानें रद्द की गई हैं, जिनमें 23 घरेलू प्रस्थान, आठ आगमन और चार अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शामिल हैं। अमेरिकन एयरलाइंस और कतर एयरवेज सहित विदेशी एयरलाइनों ने भी कुछ परिचालन निलंबित कर दिए हैं।
पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का प्रभाव
पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के बंद होने से कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मार्ग बदलना पड़ा है। कई एयरलाइनों ने एहतियात के तौर पर पाकिस्तान के ऊपर से उड़ानें बंद कर दी हैं। डच एयरलाइन केएलएम और सिंगापुर एयरलाइंस ने भी पाकिस्तान के ऊपर से उड़ानें बंद कर दी हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है जिसका असर हवाई यातायात पर भी पड़ा है। कई हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है और उड़ानें रद्द की गई हैं। एयरलाइनों ने यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों या रिफंड का विकल्प दिया है। स्थिति पर नजर रखने के लिए यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति के बारे में जानकारी रखें ।