नई दिल्ली : नए आयकर विधेयक, 2025 के जोरदार बचाव में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोगों को बताया कि कैसे डिजिटल छापें – व्हाट्सएप चैट, गूगल मैप इतिहास, इंस्टाग्राम अकाउंट – भारी कर चोरी से निपटने में अधिकारियों की मदद कर रही हैं।
सीतारमण ने लोकसभा को संबोधित करते हुए एक आश्चर्यजनक उदाहरण साझा किया कि कैसे क्रिप्टो-व्हाट्सएप चैट ने 200 करोड़ रुपये की छिपी हुई क्रिप्टो संपत्तियों की पहचान करने में मदद की। एक अन्य उदाहरण में गूगल मैप्स डेटा ने जांचकर्ताओं को नकदी के छिपे हुए भंडार का पता लगाने में मदद की और ओपन-सोर्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम ने ‘बेनामी‘ (या प्रॉक्सी) संपत्ति के स्वामित्व को उजागर किया।
नया कर कोड जिसका उद्देश्य 1961 के आयकर अधिनियम को बदलना है, अधिकारियों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म खोलता है – ईमेल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम से लेकर ऑनलाइन बिजनेस सर्वर तक और छिपे हुए लेनदेन का पता लगाता है। इस कदम का उद्देश्य वित्तीय धोखाधड़ी के बदलते स्वरूप, खास तौर पर क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों से जुड़ी धोखाधड़ी के साथ तालमेल बनाए रखना है।
सीतारमण ने कर चोरी की पुष्टि करने और अपराधियों को कानून के प्रति जवाबदेह ठहराने में डिजिटल साक्ष्य के महत्व पर भी प्रकाश डाला। हालांकि गोपनीयता को लेकर चिंताएं हैं जबकि सरकार का कहना है कि कर धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई राष्ट्रीय वित्तीय हित के लिए महत्वपूर्ण है।