नई दिल्ली:- पिछले दशक में भारत के इस्पात आयात में एकाग्रता में वृद्धि हुई है। यह बदलाव वैश्विक इस्पात उद्योग में बदलते रुझानों और भारत की बढ़ती इस्पात मांग के कारण हुआ है।
आयात में वृद्धि
भारत के इस्पात आयात में पिछले दशक में लगातार वृद्धि हुई है। 2015 में भारत ने 7.3 मिलियन टन इस्पात आयात किया था जो 2022 में बढ़कर 12.3 मिलियन टन हो गया यह वृद्धि भारत की बढ़ती इस्पात मांग और घरेलू उत्पादन में कमी के कारण हुई है।
एकाग्रता में वृद्धि
पिछले दशक में भारत के इस्पात आयात में एकाग्रता में भी वृद्धि हुई है। 2015 में भारत के शीर्ष 5 इस्पात आयात स्रोतों ने देश के कुल आयात का 43% हिस्सा प्रदान किया था जो 2022 में बढ़कर 53% हो गया यह बदलाव वैश्विक इस्पात उद्योग में बदलते रुझानों और भारत की बढ़ती इस्पात मांग के कारण हुआ है।
शीर्ष आयात स्रोत
भारत के शीर्ष इस्पात आयात स्रोतों में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस और यूक्रेन शामिल हैं इन देशों ने पिछले दशक में भारत के इस्पात आयात में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पिछले दशक में भारत के इस्पात आयात में एकाग्रता में वृद्धि हुई है। यह बदलाव वैश्विक इस्पात उद्योग में बदलते रुझानों और भारत की बढ़ती इस्पात मांग के कारण हुआ है। भारत के शीर्ष इस्पात आयात स्रोतों में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, रूस और यूक्रेन शामिल हैं।