नई दिल्ली : भारत की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना देश में विनिर्माण उद्योग को काफ़ी हद तक बदल रही है। नवंबर 2024 तक इस योजना ने ₹1.61 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित किया है और ₹14 लाख करोड़ की बिक्री की है जिससे भारत मार्च 2025 तक अपने ₹15.52 लाख करोड़ के लक्ष्य के करीब पहुँच गया है।
यह पहल भारत के औद्योगिक आधार को मज़बूत करने में मदद कर रही है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फ़ार्मास्यूटिकल्स, टेलीकॉम, टेक्सटाइल और खाद्य प्रसंस्करण सहित 14 प्रमुख क्षेत्रों में 764 परियोजनाओं को हरी झंडी मिल गई है। यहाँ तक कि 176 एमएसएमई भी इसके लाभार्थी हैं जो दर्शाता है कि छोटे व्यवसाय भी समृद्ध हो सकते हैं। 1.15 मिलियन से ज़्यादा नौकरियाँ पहले ही पैदा हो चुकी हैं जिससे कार्यस्थलों की ज़रूरत को पूरा करने में मदद मिल रही है।
निर्यात 5.31 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा उपकरण जैसे उत्पाद भारत को वैश्विक मानचित्र पर ला रहे हैं। अब तक लगभग 14,020 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन वितरित किए जा चुके हैं और अतिरिक्त राशि की उम्मीद है।