प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादास्पद फैसले की कड़ी निंदा की जिसमें कहा गया था कि महिला के स्तन को जबरन पकड़ना और उसके पायजामे का नाड़ा खींचना बलात्कार नहीं माना जाता है।
फैसले को “गलत” बताते हुए सुश्री देवी ने कहा कि इससे समाज में एक खतरनाक संदेश जा सकता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने और मामले को अपने हाथ में लेने का आह्वान किया।
यह फैसला न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने सुनाया जिन्होंने बलात्कार के आरोपों के तहत दो लोगों को तलब करने के निचली अदालत के आदेश को पलट दिया। विचाराधीन घटना 2021 की है जब तीन लोगों ने एक महिला और उसकी 14 वर्षीय बेटी पर हमला किया था। शिकायत के अनुसार दो लोगों ने महिला को छुआ और उसे पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश की लेकिन जब गवाहों ने आकर देखा तो वे भाग गए।
कई महिला नेताओं ने इस फैसले को चौंकाने वाला और शर्मनाक बताते हुए अपनी बात रखी है। आप सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा, “वाकई, यह बलात्कार कैसे नहीं है? सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।“