Dastak Hindustan

भारत स्वनिर्मित तोपों से मारक क्षमता बढ़ाने के लिए ₹7,000 करोड़ खर्च करेगा

रक्षा में स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) नामक पूरी तरह से स्वदेशी 155 मिमी आर्टिलरी गन की ₹7,000 करोड़ की खरीद को मंजूरी दे दी है जो पूरी तरह से भारत में बनी अपनी तरह की पहली तोप है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) द्वारा स्वीकृत इस निर्णय से भारत की सैन्य क्षमताएँ मजबूत होंगी, साथ ही स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा। 52-कैलिबर बैरल और 40 किलोमीटर की फायरिंग रेंज के साथ ATAGS इन प्रणालियों की जगह लेगा जो लंबे समय से सेवा में हैं और इन्हें भारत की जमीनी सीमा और उत्तरी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। युद्ध के मैदान की दक्षता को बढ़ाने के लिए सटीकता, मारक क्षमता और स्वचालन के लिए तैयार किया गया है जिससे चालक दल पर थकान का बोझ कम होगा।

एक वास्तविक ‘मेक इन इंडिया’ सफलता की कहानी ATAGS को सरकारी रक्षा अनुसंधान एजेंसी DRDO ने भारतीय निजी फर्मों की मदद से विकसित किया है। इसके 65% से अधिक हिस्से आयात किए जाने के बजाय स्थानीय स्तर पर बनाए गए हैं। इसके नेविगेशन से लेकर सेंसर और हर चीज भारत में बनी है।

यह परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के अलावा 20 लाख मानव-दिवस रोजगार पैदा करेगी और भारत को रक्षा निर्यात केंद्र बनाएगी।

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *