कोलकाता (पश्चिम बंगाल) : लैंगिक न्याय की दिशा में एक प्रगतिशील कदम उठाते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया जो बंगाल आबकारी अधिनियम, 1909 के एक पुराने प्रावधान को हटाते हुए महिलाओं को बार में काम करने की अनुमति देता है।
राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य द्वारा तैयार किए गए इस विधेयक का उद्देश्य शराब परोसने वाले प्रतिष्ठानों से भेदभाव को खत्म करना है। शराब की दुकानें (‘ऑफ’ दुकानें) केवल शराब बेचती हैं जबकि ‘ऑन’ दुकानें जहाँ पहले महिलाओं के काम करने पर प्रतिबंध था, ग्राहकों को साइट पर शराब पीने की अनुमति देती हैं।
भट्टाचार्य ने रोजगार में समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, “हमारी सरकार पुरुष और महिला के बीच भेदभाव में कोई विश्वास नहीं रखती है। इन सबके अलावा विधेयक में अवैध शराब निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए गुड़ जैसे कच्चे माल की निगरानी का प्रावधान है। यह छोटे चाय बागानों को कर राहत भी प्रदान करता है जो महामारी के बाद से संघर्ष कर रहे हैं।”
अधिवक्ताओं को उम्मीद है कि यह विधेयक राज्य के आबकारी कानूनों को आधुनिक बनाने और राज्य को बिना किसी लागत के उचित श्रम अवसरों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।