नई दिल्ली:- नाबार्ड और सिडबी ने हाल ही में 14,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई जो कि छोटी से मध्यम अवधि के बॉन्ड की बढ़ती मांग को दर्शाता है। यह कदम नाबार्ड और सिडबी द्वारा अपनाई गई एक महत्वपूर्ण रणनीति है जो कि उनके वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने और उनके विकासात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
नाबार्ड की भूमिका
नाबार्ड ने 7,000 करोड़ रुपये की राशि 7.48 प्रतिशत की कूपन दर पर जुटाई है जो कि लगभग 3.5 वर्षों में परिपक्व होगी। यह नाबार्ड की एक महत्वपूर्ण पहल है जो कि ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने में मदद करेगी।
सिडबी की भूमिका
सिडबी ने भी 7,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है जो कि छोटी और मध्यम अवधि के बॉन्ड की मांग को दर्शाता है यह सिडबी की एक महत्वपूर्ण पहल है जो कि छोटे और मध्यम उद्योगों को वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने में मदद करेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
नाबार्ड और सिडबी द्वारा जुटाई गई यह राशि भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक सकारात्मक प्रभाव डालेगी। यह राशि ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने में मदद करेगी जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नाबार्ड और सिडबी द्वारा जुटाई गई 14,000 करोड़ रुपये की राशि एक महत्वपूर्ण कदम है जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करेगी। यह राशि ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में वित्तीय संसाधनों को मजबूत करने में मदद करेगी जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।