नई दिल्ली:- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने हाल ही में अपनी 1.7 अरब डॉलर की फंड रेजिंग योजना को टाल दिया है जिसका कारण ऊंचे लाभ हैं। बैंक ने मार्च के अंत तक 15,000 करोड़ रुपये (लगभग 1.7 अरब डॉलर) जुटाने की योजना बनाई थी लेकिन अब यह योजना अगले वित्त वर्ष में टाल दी गई है जो अप्रैल में शुरू होगा।
एसबीआई के इस फैसले के पीछे का कारण यह है कि बॉन्ड लाभ में वृद्धि हुई है जो कि बैंक के लिए फंड जुटाना मुश्किल बना देता है भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में पॉलिसी रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी लेकिन इसके बावजूद बॉन्ड यील्ड में वृद्धि हुई है।
एसबीआई के एक सूत्र ने बताया कि बैंक ने अपनी एसेट-लायबिलिटी पोजीशन का मूल्यांकन किया है और फंड जुटाने की योजना को टाल दिया है बैंक अगले वित्त वर्ष में अपनी फंड जुटाने की योजना को फिर से मूल्यांकन करेगा।
एसबीआई की इस योजना में 5,000 करोड़ रुपये बेसल III-कंप्लायंट एडिशनल टियर-आई परपेटुअल बॉन्ड्स के माध्यम से जुटाने थे जबकि 10,000 करोड़ रुपये 15 साल के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स के माध्यम से जुटाने थे। बैंक ने पहले अक्टूबर में 5,000 करोड़ रुपये 7.98% पर परपेटुअल बॉन्ड्स के माध्यम से जुटाए थे एसबीआई के इस फैसले से बैंक के शेयरों में गिरावट आई है जो कि 0.7% तक गिर गए हैं बैंक के शेयरों का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 912.10 रुपये है जो कि जून 2024 में दर्ज किया गया था।