नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय एक तरह से इंडिया का नाम बदलकर भारत या हिंदुस्तान करने की बहस को फिर से शुरू कर रहा है जिसके लिए लंबे समय से इंडिया का नाम बदलकर भारत या हिंदुस्तान करने की मांग वाली याचिका दायर की गई है।
याचिकाकर्ता नमहा ने वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव सागर के माध्यम से सबसे पहले 2020 में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिसने तब सरकार से संबंधित मंत्रालयों के माध्यम से याचिका पर निर्णय लेने को कहा। लेकिन अधिकारियों द्वारा वर्षों तक इसे अपडेट न किए जाने के बाद याचिकाकर्ता ने कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
12 मार्च को याचिकाकर्ता को न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति दी जिन्होंने कहा कि वह मामले को आगे बढ़ाने के लिए सीधे मंत्रालयों से संपर्क कर सकते हैं। लेकिन इसने केंद्र को सर्वोच्च न्यायालय के पिछले आदेश का अनुपालन करते हुए बिना देरी किए ऐसा करने का निर्देश भी दिया।
याचिका में कहा गया है कि ‘इंडिया’ नाम औपनिवेशिक विरासत का प्रतीक है और यह देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इसमें संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग की गई है जो देश के नाम और क्षेत्र को परिभाषित करता है।