नई दिल्ली:- भारत में वेंचर कैपिटल फंडिंग में 2024 में 43% की वृद्धि दर्ज की गई जो 13.7 अरब डॉलर तक पहुंच गई यह वृद्धि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेशकों के बढ़ते विश्वास और सरकार द्वारा समर्थित नीतियों के कारण हुई है। इस वृद्धि में छोटे और मध्यम आकार के सौदों की संख्या में वृद्धि का महत्वपूर्ण योगदान रहा है इन सौदों में 95% से अधिक 50 मिलियन डॉलर से कम के थे और इनकी संख्या में 1.4 गुना की वृद्धि हुई। इसके अलावा 50 मिलियन डॉलर से अधिक के सौदों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो गई।
कौन से क्षेत्र हैं जिनमें निवेश बढ़ा है?
वेंचर कैपिटल फंडिंग में वृद्धि के साथ कुछ क्षेत्रों में निवेश में विशेष वृद्धि देखी गई है:
–उपभोक्ता प्रौद्योगिकी: इस क्षेत्र में 5.4 अरब डॉलर का निवेश हुआ जो 2023 की तुलना में दोगुना से अधिक है।
–सॉफ्टवेयर: इस क्षेत्र में 1.7 अरब डॉलर का निवेश हुआ जो ग्राहकों द्वारा विकास और परीक्षण उपकरणों पर खर्च करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करने की रणनीति के कारण हुआ है।
–फिनटेक: इस क्षेत्र में भी निवेश में वृद्धि देखी गई है जो डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण हुआ है।
सरकार की नीतियों का प्रभाव
सरकार द्वारा समर्थित नीतियों ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है:
–एंजेल टैक्स की समाप्ति: सरकार द्वारा एंजेल टैक्स को समाप्त करने से स्टार्टअप्स को निवेश आकर्षित करने में आसानी हुई है।
–लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की दर में कमी: सरकार द्वारा लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की दर में कमी करने से निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिली है।
–विदेशी वेंचर कैपिटल निवेशकों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया की सरलीकरण: सरकार द्वारा विदेशी वेंचर कैपिटल निवेशकों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने से निवेश में वृद्धि हुई है।