नई दिल्ली:- भारत का कपास आयात चालू वित्त वर्ष में दोगुना होने की संभावना है क्योंकि देश में कपास का उत्पादन मांग को पूरा करने में असफल रहा है यह दावा कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने किया है जो देश की सबसे बड़ी कपास व्यापार निकाय है। सीएआई के अनुसार भारत का कपास आयात चालू वित्त वर्ष में 30 लाख बेल्स तक पहुंच सकता है जो पिछले साल के आयात की तुलना में दोगुना है पिछले साल देश ने 15.2 लाख बेल्स कपास का आयात किया था।
कपास के उत्पादन में कमी के कारणों के बारे में बात करते हुए सीएआई ने कहा कि देश में कपास की खेती के लिए उपयुक्त जमीन की कमी और खराब मौसम के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है सीएआई के अनुसार देश में कपास का उत्पादन चालू वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत कम हो सकता है जो 295.3 लाख बेल्स तक पहुंच सकता है वहीं देश में कपास की मांग 315 लाख बेल्स तक पहुंच सकती है।
कपास आयात में वृद्धि के कारणों के बारे में बात करते हुए सीएआई ने कहा कि देश में कपास की मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को पूरा करने के लिए आयात में वृद्धि की जा रही है। कपास आयात में वृद्धि के प्रभावों के बारे में बात करते हुए सीएआई ने कहा कि इससे देश में कपास की कीमतों पर दबाव कम हो सकता है और कपास उत्पादक किसानों को फायदा हो सकता है।
हालांकि कपास आयात में वृद्धि के कारणों के बारे में विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कपास आयात में वृद्धि के पीछे देश में कपास की मांग और आपूर्ति के बीच की खाई है जबकि अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे अन्य कारक भी हो सकते हैं।