भुवनेश्वर (ओडिशा): ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को जबरदस्त हंगामा हुआ जहां भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। मामला भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र के एक विवादित बयान से जुड़ा था जिस पर कांग्रेस और बीजद के विधायकों ने जोरदार विरोध किया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र ने हाल ही में एक सरकारी कार्यक्रम में ‘पश्चिम ओडिशा के मिलने को ऐतिहासिक भूल’ बताया था और राज्यगीत ‘वंदे उत्कल जननी’ के सम्मान में खड़े नहीं हुए थे। इस बयान के बाद राज्यभर में निंदा हुई और विपक्ष ने इसे सदन में मुद्दा बनाया।
विधानसभा में बढ़ा टकराव
मंगलवार को कांग्रेस और बीजद के विधायकों ने सदन के मध्य भाग में आकर नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़कर विरोध जताने लगे जबकि बीजद विधायकों ने काली पट्टी बांधकर और प्लेकार्ड लेकर भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
हाथापाई और आरोप-प्रत्यारोप
– हंगामे के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई जो हाथापाई में बदल गई।
– कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों ने उनकी कॉलर पकड़ ली और गाली-गलौच की।
– उन्होंने कहा,”25 साल से विधायक हूं लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। भाजपा की दादागिरी नहीं चलेगी।”
– भाजपा विधायक अशोक महांति ने सफाई दी कि विरोधी दल जानबूझकर सदन की कार्यवाही ठप कर रहे हैं और उन्होंने मंत्री पर हाथ उठाने का प्रयास किया।
सदन स्थगित, अलग-अलग बैठकें
बढ़ते हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी ने कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस विधायकों ने अलग-अलग बैठकें कीं।
विधानसभा के बाहर भी प्रदर्शन जारी
कांग्रेस विधायकों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे धरना दिया जबकि बीजू जनता दल के विधायक भी सरकार से जवाब मांगते रहे।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
कांग्रेस ने भाजपा विधायकों के खिलाफ निलंबन की मांग की है जबकि भाजपा का कहना है कि सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। विधानसभा में अब इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाए जाने की संभावना है।