सहारनपुर (उत्तर प्रदेश): जिले के थाना चिलकाना क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर में जमीन के विवाद को लेकर चल रही प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान 60 वर्षीय किसान वेदप्रकाश ने खुद पर डीजल डालकर आग लगा ली। पुलिस ने किसी तरह आग बुझाई और गंभीर हालत में उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज, पिलखनी ले जाया गया जहां से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
गांव सुल्तानपुर में वेदप्रकाश के खेत के पास स्थित जैन मंदिर की जमीन को लेकर विवाद था। करीब पौन बीघा जमीन की कमी के कारण मामला एसडीएम न्यायालय में चल रहा था। कोर्ट ने फैसला जैन मंदिर प्रबंध समिति के पक्ष में दिया जिसके बाद एसडीएम सदर अंकुर वर्मा के नेतृत्व में शनिवार दोपहर राजस्व टीम और पुलिस जमीन पर पैमाइश और कब्जा परिवर्तन कराने पहुंची।
किसान ने उठाया आत्मघाती कदम
कार्रवाई के दौरान वेदप्रकाश और प्रशासनिक टीम के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जब निशानदेही कर डोलबंदी (सीमा निर्धारण) शुरू हुई तो गुस्साए किसान ने अपने खेत में रखे ट्यूबवेल से डीजल निकाला और खुद पर डालकर आग लगा ली।
आग की लपटें उठते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिसकर्मियों ने कंबल और बोरी डालकर आग बुझाने की कोशिश की और तुरंत किसान को अस्पताल पहुंचाया।
90% जला, दिल्ली रेफर
डॉक्टरों के अनुसार वेदप्रकाश 90% जल चुके हैं जिससे उनकी हालत बेहद नाजुक है। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।
परिजनों का प्रशासन पर आरोप
घटना की जानकारी मिलते ही डीएम मनीष बंसल, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण और नकुड़ विधायक मुकेश चौधरी अस्पताल पहुंचे। किसान के भाई लाजपत और अन्य परिजनों ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
डीएम मनीष बंसल ने बताया कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में कार्रवाई की जा रही थी इसी दौरान किसान ने यह कदम उठा लिया।
वहीं भाजपा विधायक मुकेश चौधरी ने प्रशासन की कार्रवाई को जल्दबाजी और गलत बताया। उन्होंने कहा कि मामले में समझौते की कोशिश चल रही थी ऐसे में पैमाइश की जरूरत नहीं थी।
जांच के आदेश
घटना को लेकर प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।