मुंबई (महाराष्ट्र) : यह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भारतीय रेलवे के लिए बहुत खास रहा! वंदे भारत के ‘सभी महिला’ क्रू में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर, टिकट चेकर और होस्टेस शामिल थीं।
सीएसएमटी-शिरडी वंदे भारत एक्सप्रेस (22223) ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से रवाना होकर एक नई राह खोली जहाँ ट्रेन में (ड्राइवर) से लेकर (ट्रेन) कंडक्टर तक हर भूमिका कुशल और समर्पित महिलाओं ने निभाई। यह सेंट्रल रेलवे द्वारा रेलवे क्षेत्र में महिलाओं द्वारा निभाई गई अभूतपूर्व भूमिका को मान्यता देते हुए लैंगिक बाधाओं को तोड़ते हुए की गई एक अनूठी पहल है!
क्षमा करें, लेकिन आप इस सामग्री को केवल तभी देख सकते हैं जब आप ग्राहक हों। उन्होंने आगे कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम उठाया गया है, क्योंकि आज केवल महिलाओं के लिए यात्री ट्रेन चलाने के साथ-साथ एक मालगाड़ी भी चलाई गई जिसमें सभी महिला चालक दल थे।
यह एक ऐसा कदम है जो कार्यबल में लैंगिक समावेश को प्रोत्साहित करता है और यह साबित करता है कि महिलाएँ सभी व्यवसायों में कांच की छत को तोड़ रही हैं। इन अग्रणी महिलाओं को सलाम जिन्होंने पटरियों पर इतिहास रच दिया! उन्हें और शक्ति मिले!