नई दिल्ली: भारत के समुद्री सीमाओं के करीब चीन की गतिविधियां एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में रिपोर्ट सामने आई है कि चीन का खोजी जहाज Xiang Yang Hong 03 जनवरी 2024 में मालदीव के समंदर में लगभग एक महीने तक मौजूद रहा। यह जहाज समुद्री शोध के नाम पर मछलियों और समुद्री संसाधनों से जुड़े केमिकल व फिजिकल डेटा जुटाने के लिए तैनात था। लेकिन भारत के लिए यह चिंता का विषय बन गया है क्योंकि मालदीव भारतीय द्वीप लक्षद्वीप से केवल 70 समुद्री मील दूर है।
मालदीव और चीन की बढ़ती नजदीकियां
मालदीव में चीन की बढ़ती मौजूदगी पर भारत पहले भी चिंता जता चुका है। हाल ही में मालदीव के मत्स्य और महासागर संसाधन मंत्री अहमद शियाम चीन की यात्रा पर गए जहां उन्होंने समुद्री शोध और सहयोग को लेकर चर्चा की। रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव में चीनी उपकरण लगाने पर भी बातचीत हुई है जिससे समुद्र की गहराइयों का डेटा एकत्र किया जा सके। हालांकि इस बैठक की पूरी जानकारी मालदीव सरकार ने सार्वजनिक नहीं की है।
भारत की सुरक्षा को खतरा?
भारत के लिए यह चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि चीन का यह जहाज मालदीव में इतनी लंबी अवधि तक सक्रिय रहा और समुद्री डेटा एकत्र कर रहा था। यह डेटा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है जिससे क्षेत्र में चीन की मौजूदगी और मजबूत हो सकती है।
चीन का असली मकसद क्या?
विशेषज्ञों के मुताबिक चीन समुद्र में मौजूद संसाधनों की स्टडी के अलावा सामरिक डेटा भी जुटा सकता है जो भविष्य में हिंद महासागर में उसकी पकड़ मजबूत करने में मदद करेगा। हालांकि इस पूरे मामले में भारत और मालदीव सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।