नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी ने प्रशांत महासागर में स्थित छोटे द्वीपीय देश वनातु की नागरिकता हासिल कर ली है। इसके बाद भारत सरकार के लिए उनकी वापसी कराना और कठिन हो गया है।
भारतीय नागरिकता छोड़ी, विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
करीब 15 साल पहले भारत छोड़कर भागे ललित मोदी ने अब आधिकारिक रूप से भारतीय नागरिकता त्यागने का आवेदन दिया है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की। मंत्रालय ने बताया कि ललित मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत लगातार प्रयास कर रहा है लेकिन यह मामला अब और चुनौतीपूर्ण हो गया है।
कैसे मिली वनातु की नागरिकता?
वनातु एक ऐसा देश है जहां मात्र 1.30 लाख डॉलर का निवेश करने पर नागरिकता मिल जाती है। यदि कोई दंपत्ति साथ में नागरिकता लेता है तो उन्हें विशेष छूट भी दी जाती है। इस आसान प्रक्रिया के चलते ललित मोदी ने वहां की नागरिकता प्राप्त कर ली।
2010 में भारत छोड़कर भागे थे ललित मोदी
ललित मोदी कभी बीसीसीआई के उपाध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, वित्तीय अनियमितताओं और फेमा उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे। जांच एजेंसियों की कार्रवाई से बचने के लिए 2010 में उन्होंने भारत छोड़ दिया था और तब से विदेश में रह रहे हैं।
अन्य भगोड़ों की तरह ललित मोदी की वापसी भी कठिन
ललित मोदी के अलावा विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे कई अन्य उद्योगपति भी भारत में आर्थिक अपराधों के आरोपों से बचने के लिए विदेश में रह रहे हैं। सरकार लंबे समय से इन भगोड़ों को भारत लाने की कोशिश कर रही है लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।
क्या ललित मोदी को भारत लाया जा सकेगा? यह बड़ा सवाल बना हुआ है।