नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हत्या के मामलों में दोषी पाए गए केरल के मुरलीधरन (43) और मुहम्मद रिनाश (29) को फांसी की सजा दी गई।
मुरलीधरन पर क्या था आरोप?
केरल के कासरगोड निवासी मुरलीधरन को साथी भारतीय नागरिक मोइद्दीन की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था। जांच में सामने आया कि डकैती के प्रयास के दौरान मोइद्दीन की हत्या की गई और शव को रेगिस्तान में दफना दिया गया। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पाया कि मुरलीधरन मोइद्दीन का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहा था। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर मौत की सजा सुनाई गई।
मुहम्मद रिनाश का मामला
कन्नूर के थालास्सेरी निवासी मुहम्मद रिनाश पर यूएई के नागरिक जियाद राशिद अल मंसूरी की हत्या का आरोप था। फरवरी 2023 में दोनों के बीच झगड़ा हुआ जिसके दौरान रिनाश ने चाकू से हमला कर मंसूरी की हत्या कर दी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर दुबई की जेल में रखा गया और 2023 में मौत की सजा सुनाई गई।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों को बचाने के लिए हरसंभव कानूनी मदद दी गई थी। परिवार के सदस्यों को अंतिम दर्शन की अनुमति भी दी गई। रिनाश की मां ने केरल सरकार और भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगाई थी लेकिन कोई राहत नहीं मिल सकी।
28 फरवरी को दी गई फांसी
यूएई अधिकारियों ने 28 फरवरी को भारतीय दूतावास को सूचित किया कि दोनों दोषियों को फांसी दे दी गई है। इसके बाद भारतीय दूतावास ने उनके परिवारों को सूचना दी और अंतिम संस्कार की व्यवस्था कराई।