मुंबई (महाराष्ट्र):- बॉलीवुड एक्टर आदित्य पंचोली को 20 साल पुराने पार्किंग विवाद में दोषी करार दिया गया है लेकिन उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा। कोर्ट ने उनकी एक साल की सजा कम कर दी और अच्छे व्यवहार के बांड पर रिहा कर दिया। साथ ही उन्हें पीड़ित को 1.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
21 अगस्त 2005 को मुंबई के अंधेरी इलाके में पार्किंग को लेकर आदित्य पंचोली और प्रतीक पशीने नाम के व्यक्ति के बीच झगड़ा हुआ था। इस दौरान पंचोली ने पीड़ित पर हमला कर दिया जिससे उसकी नाक टूट गई थी। वर्सोवा पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया और 2016 में अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए एक साल की जेल की सजा सुनाई थी।
जेल जाने से कैसे बचे पंचोली?
आदित्य पंचोली ने इस फैसले के खिलाफ डिंडोशी सत्र अदालत में अपील दायर की। उन्होंने दावा किया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है और गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं। कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया लेकिन यह देखते हुए कि मामला 20 साल पुराना है और उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है सजा को कम कर दिया।
कोर्ट का फैसला
सत्र अदालत ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान इस घटना को साबित करने के लिए पर्याप्त हैं। हालांकि यह ध्यान में रखते हुए कि पंचोली अब 71 साल के हो चुके हैं और मामला पुराना है कोर्ट ने उन्हें जेल की सजा से राहत दी लेकिन दोषी करार दिया और मुआवजा देने का आदेश जारी किया।