वाशिंगटन डी.सी.:- भारतीय मूल के काश पटेल को औपचारिक रूप से अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) का नया निदेशक नियुक्त किया गया है। अमेरिकी सीनेट ने उनके नाम को मंजूरी दे दी जिससे वह एफबीआई प्रमुख बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं।
पटेल की नियुक्ति को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, लेकिन डेमोक्रेट्स ने इस पर आपत्ति जताई है। विपक्षी दलों को आशंका है कि वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रभाव में काम कर सकते हैं और उनके विरोधियों पर सख्त कार्रवाई कर सकते हैं।
डेमोक्रेट्स की चिंता, पटेल की योजना
पटेल ने पदभार संभालने के बाद बड़े बदलावों की बात कही है। उन्होंने वाशिंगटन स्थित मुख्यालय में पदों की संख्या घटाने और पारंपरिक अपराध-निरोधक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है। हालांकि उनके कुछ बयानों ने विपक्षी दलों में चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने ट्रंप विरोधी “षड्यंत्रकारियों” के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी जिससे डेमोक्रेट्स को डर है कि यह सरकारी संस्थानों और मीडिया में विरोधी विचारों को दबाने की दिशा में कदम हो सकता है।
सीनेट से मिला समर्थन, कुछ रिपब्लिकन भी असहमत
सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी ने पार्टी लाइन के आधार पर मतदान कर उनके नामांकन को मंजूरी दी। हालांकि इस फैसले से डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने नाराजगी जताई और कहा, “मैं इससे भी बदतर कोई विकल्प नहीं सोच सकता।” वहीं रिपब्लिकन पार्टी की सुसान कोलिन्स और लिसा मुर्कोव्स्की ने पटेल के पक्ष में मतदान नहीं किया।
एफबीआई में उथल-पुथल के बीच नई जिम्मेदारी
गौरतलब है कि एफबीआई पिछले कुछ वर्षों से विवादों में रही है। हाल ही में अमेरिकी न्याय विभाग ने एफबीआई के कुछ शीर्ष अधिकारियों को हटाया था और 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिंसा से जुड़े हजारों एजेंटों के नामों की सूची मांगी थी।