नई दिल्ली:- भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले की साज-सज्जा और नवीनीकरण की गहराई से जांच करने का आदेश दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि इस पर करोड़ों रुपये खर्च कर इसे “शीश महल” में बदल दिया गया। उनका दावा है कि कैग रिपोर्ट में भी इस पर सवाल उठाए गए हैं।
भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए केजरीवाल ने बंगले का अवैध रूप से विस्तार किया और इसमें सरकारी संपत्तियों को जोड़कर नियमों का उल्लंघन किया। रिपोर्ट के मुताबिक महंगे परदों कीमती फर्नीचर हाई-टेक टेलीविजन और सोने की परत वाले टॉयलेट जैसी सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए।
CPWD इन बिंदुओं पर करेगा जांच- बंगले के विस्तार और निर्माण में नियमों का पालन हुआ या नहीं?
1.नवीनीकरण और सजावट पर कितना खर्च हुआ और उसका स्रोत क्या था?
2. सरकारी संपत्तियों को मुख्यमंत्री आवास में क्यों जोड़ा गया?
आम आदमी पार्टी का जवाब
AAP ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह महज राजनीतिक चाल है। पार्टी प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि अगर बंगले में सोने की परत वाला टॉयलेट और अन्य लग्जरी सुविधाएं थीं तो भाजपा को सबूत दिखाने चाहिए। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री आवास के 2,750 करोड़ रुपये के खर्च की भी जांच की मांग की।
क्या बढ़ेगी केजरीवाल की मुश्किलें?
CVC के जांच आदेश के बाद अरविंद केजरीवाल की परेशानियां बढ़ सकती हैं। भाजपा इस मुद्दे को बड़े घोटाले के रूप में दिखाकर आगामी चुनावों में भुनाने की तैयारी कर रही है। अब देखना होगा कि इस जांच का क्या नतीजा निकलता है और केजरीवाल इस पर क्या सफाई देते हैं।