नई दिल्ली:- भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में क्रेडिट कार्ड को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से जोड़ने की अनुमति दी है। यह कदम उपभोक्ताओं के लिए एक सुविधाजनक विकल्प प्रदान करता है लेकिन यह एक कर्ज का जाल भी बन सकता है ।
क्रेडिट कार्ड और यूपीआई के बीच का संबंध
क्रेडिट कार्ड और यूपीआई दोनों ही डिजिटल भुगतान के साधन हैं क्रेडिट कार्ड एक प्रकार का ऋण है जो उपभोक्ताओं को बाद में भुगतान करने की सुविधा प्रदान करता है यूपीआई एक प्रकार का भुगतान प्रणाली है जो उपभोक्ताओं को अपने बैंक खातों से सीधे भुगतान करने की सुविधा प्रदान करती है।
क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने के फायदे
क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने के कई फायदे हैं:
–सुविधाजनक भुगतान: क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने से उपभोक्ताओं को सुविधाजनक भुगतान की सुविधा मिलती है।
– व्यापक स्वीकृति: यूपीआई की व्यापक स्वीकृति के कारण, उपभोक्ता अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग विभिन्न व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के पास कर सकते हैं।
–रिवार्ड पॉइंट्स और कैशबैक: कई क्रेडिट कार्ड यूपीआई लेनदेन पर रिवार्ड पॉइंट्स और कैशबैक ऑफर करते हैं ।
क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने के नुकसान
क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने के कई नुकसान भी हैं:
–कर्ज का जाल: क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ने से उपभोक्ता अधिक खर्च कर सकते हैं और कर्ज के जाल में फंस सकते हैं।
-ब्याज दरें: क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दरें उच्च हो सकती हैं जिससे उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।
-फीस और शुल्क: क्रेडिट कार्ड पर कई फीस और शुल्क लगाए जा सकते हैं जैसे कि वार्षिक शुल्क, बिलिंग शुल्क और लेट पेमेंट शुल्क।
क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ना एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है लेकिन यह एक कर्ज का जाल भी बन सकता है। उपभोक्ताओं को अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए और क्रेडिट कार्ड का उपयोग सावधानी से करना चाहिए।