नई दिल्ली:- दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के 12 सरकारी वित्तपोषित कॉलेजों में लंबे समय से जारी फंडिंग और भर्ती से जुड़ी समस्याओं के जल्द हल होने की उम्मीद बढ़ गई है। नई सरकार के गठन के बाद इन कॉलेजों को वित्तीय सहायता और शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी मिलने की संभावना है।
इन 12 कॉलेजों में 984 शिक्षकों के पद लंबे समय से खाली हैं जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। मौजूदा समय में 1512 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 528 स्थायी शिक्षकों पर कार्यरत हैं। इसके अलावा, कॉलेजों में बुनियादी ढांचे की स्थिति भी दयनीय है जिससे छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
वेतन और पेंशन भुगतान बना संकट
अदिति कॉलेज की शिक्षिका प्रो. नीलम राठी ने बताया कि शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और पेंशन संबंधी समस्याएं भी बरकरार हैं। एक-एक शिक्षक का 60-65 लाख रुपये का भुगतान लंबित है। कोर्ट के आदेश के बावजूद शिक्षकों को एरियर का भुगतान नहीं किया गया है।
नई सरकार से उम्मीदें
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने कहा कि नई सरकार के साथ जल्द ही बैठक की जाएगी, ताकि फंडिंग और नियुक्तियों से जुड़ी समस्याओं का समाधान हो सके। डीयू प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय की ओर से इन कॉलेजों को लेकर कोई विवाद नहीं था और उम्मीद है कि सरकार जल्द कोई ठोस कदम उठाएगी।
ये हैं प्रभावित कॉलेज:
1. आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज
2. अदिति कॉलेज
3. भगिनी निवेदिता कॉलेज
4. भास्कराचार्य कॉलेज
5. दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज
6. डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज
7. इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज
8. केशव कॉलेज
9. महाराजा अग्रसेन कॉलेज
10. महर्षि वाल्मीकि कॉलेज
11. शहीद राजगुरु कॉलेज
12. शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज
अब सभी की निगाहें नई सरकार के कदमों पर टिकी हैं जिससे शिक्षकों और छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद है।