नई दिल्ली:- 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े सरस्वती विहार मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने 12 फरवरी को यह फैसला सुनाया जबकि सजा का ऐलान 18 फरवरी को किया जाएगा। इससे पहले अदालत ने 31 जनवरी को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 1 नवंबर 1984 का है जब पश्चिमी दिल्ली के राज नगर इलाके में सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे सरदार तरुणदीप सिंह की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। गवाहों के अनुसार भीड़ को सज्जन कुमार ने उकसाया था जो उस समय बाहरी दिल्ली से कांग्रेस सांसद थे।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि दंगाइयों ने शाम 4 से 4:30 बजे के बीच पीड़ितों के घर पर लाठी, लोहे की रॉड और आगजनी से हमला किया। इसके बाद घर को लूटकर उसमें आग लगा दी गई और जसवंत सिंह व उनके बेटे को जिंदा जला दिया गया।
सज्जन कुमार पर क्या आरोप हैं?
एफआईआर में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 के तहत केस दर्ज किया गया था। अदालत ने इस बात को माना कि सज्जन कुमार न सिर्फ भीड़ का हिस्सा थे बल्कि उसकी अगुआई भी कर रहे थे।
फैसला तीन बार टल चुका था
इससे पहले तीन बार इस मामले में फैसला टल चुका था:
1. 16 दिसंबर 2024
2. 8 जनवरी 2025
3. 31 जनवरी 2025
अब 18 फरवरी को अदालत सजा का ऐलान करेगी।