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डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से इजरायल हुआ गदगद, आखिर अरब देशों से क्या बोले ट्रंप जिसकी हो रही चर्चा

(नई दिल्ली): अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अरब देशों से अधिक फलस्तीनी शरणार्थियों को शरण देने की अपील की है।साथ ही इजरायल को बम सप्लाई करने की अनुमति भी दी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अरब देशों विशेष रूप से जॉर्डन और मिस्र से अपील की है कि वे गाजा पट्टी से अधिक संख्या में फलस्तीनी शरणार्थियों को स्वीकार करें।शनिवार (25 जनवरी) को एयरफोर्स वन में पत्रकारों के साथ 20 मिनट के सवाल-जवाब सत्र में ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने इजरायल को बम आपूर्ति पर लगी रोक को हटा दिया है जिससे इजरायल की डिफेंस को बढ़ावा मिलेगा।

ट्रंप ने घोषणा की कि उन्होंने इजरायल को 2,000 पाउंड के बमों की सप्लाई पर लगी रोक को हटा दिया है। जो बाइडेन प्रशासन की तरफ से लगाई गई थी। उन्होंने कहा “हमने उन्हें (सप्लाई करने का आदेश) जारी कर दिया।वे लंबे समय से उनका इंतजार कर रहे थे” जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने बम आपूर्ति पर से प्रतिबंध क्यों हटाया तो ट्रंप ने स्पष्ट किया “क्योंकि इजरायल ने उन्हें खरीदा था।”

यह निर्णय ट्रंप के इजरायल के प्रति लंबे समय से चले आ रहे समर्थन का हिस्सा है।जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक करियर को बिना किसी लाग लपेट के इजरायल के पक्ष में खड़ा किया है।

अरब देशों से गाजा शरणार्थियों को शरण देने की अपील
ट्रंप ने मिस्र और अन्य अरब देशों से अपील की है कि वे गाजा पट्टी से शरणार्थियों को शरण दें।उन्होंने कहा “मैं चाहता हूं कि मिस्र लोगों को अपने यहां रहने की जगह दे।यहां पर पूरे 15 लाख लोगों की बात की जा रही है।इसके अलावा ट्रंप ने जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला II को पहले ही गाजा से शरणार्थियों को सफलतापूर्वक स्वीकार करने के लिए बधाई दी है और उनसे और अधिक शरणार्थियों को स्वीकार करने की अपील की है।

मिस्र के राष्ट्रपति से  बातचीत
ट्रंप ने बताया कि वह रविवार को मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से बात करेंगे और उनसे गाजा से शरणार्थियों को स्वीकार करने की अपील करेंगे। ट्रंप का मकसद गाजा पट्टी की अस्त-व्यस्त स्थिति से निपटना है। जहां लाखों शरणार्थी विस्थापन की स्थिति में हैं।

नेतन्याहू ने  ट्रंप को  कहा धन्यवाद
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप की तरफ से इजरायल को बम सप्लाई पर से प्रतिबंध हटाने के फैसले का स्वागत किया।नेतन्याहू ने एक बयान में कहा “ट्रंप ने इजरायल को अपनी रक्षा के लिए आवश्यक उपकरण देने का अपना वादा निभाया है” हालांकि उन्होंने ट्रंप की ओर से अरब देशों से शरणार्थियों को स्वीकार करने की अपील पर कोई टिप्पणी नहीं की।

अरब देशों को  शामिल करने की  कोशिश
डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम गाजा संकट के समाधान की दिशा में अरब देशों को शामिल करने की कोशिश है।जहां इजरायल ने ट्रंप के फैसले का स्वागत किया है।वहीं यह देखना दिलचस्प होगा कि मिस्र और अन्य अरब देश इस अपील पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। ट्रंप की इजरायल के प्रति यह खुली समर्थन नीति मध्य-पूर्व की कूटनीति में एक नया मोड़ ला सकती है।

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