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एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान की यात्रा और वर्तमान चुनौतियाँ

नई दिल्ली:- भारत का एक प्रमुख कोचिंग संस्थान है जो इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है। इसकी स्थापना 1992 में आईआईटी दिल्ली के मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक दिनेश कुमार गोयल (डीके गोयल) द्वारा की गई थी।

1992 में स्थापित FIITJEE का उद्देश्य छात्रों को IIT-JEE जैसी कठिन परीक्षाओं के लिए तैयार करना था। धीरे-धीरे संस्थान ने अपनी पहुंच बढ़ाई और देशभर में कई केंद्र स्थापित किए। FIITJEE ने छात्रों के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम और कार्यक्रम विकसित किए जो उनकी आवश्यकताओं के अनुसार थे।

हाल ही में FIITJEE को कई विवादों का सामना करना पड़ा है। उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से नोएडा और गाजियाबाद में संस्थान के कई केंद्र अचानक बंद हो गए जिससे छात्रों और अभिभावकों में आक्रोश फैल गया। इस घटना के बाद संस्थान के संस्थापक डीके गोयल समेत 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं।

केंद्रों के अचानक बंद होने का मुख्य कारण कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न होना बताया जा रहा है जिसके चलते कई शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया। अभिभावकों का आरोप है कि उन्होंने अग्रिम में फीस जमा की थी लेकिन बिना किसी पूर्व सूचना के केंद्र बंद कर दिए गए। नोएडा के पुलिस उपायुक्त रामबदन सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने और छात्रों के साथ विश्वासघात करने के आरोप लगाए गए हैं।

FIITJEE ने अपनी स्थापना के बाद से इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालांकि हालिया विवादों और चुनौतियों ने संस्थान की साख पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। छात्रों, अभिभावकों और कर्मचारियों की उम्मीद है कि संस्थान इन समस्याओं का समाधान करेगा और अपनी प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करेगा।

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