मुंबई (महाराष्ट्र):- महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर पवार परिवार सुर्खियों में है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच चल रहे मतभेदों की एक नई तस्वीर सामने आई है। हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अजीत पवार ने शरद पवार से दूरी बनाते हुए उनकी कुर्सी को मंच से हटवा दिया। हालांकि इसी कार्यक्रम के बाद दोनों नेताओं की एक बंद कमरे में गुप्त बैठक ने राजनीतिक हलकों में अटकलों को और हवा दे दी है।
यह घटना मुंबई में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम की है जहां शरद पवार और अजीत पवार दोनों को आमंत्रित किया गया था। आयोजकों ने मंच पर दोनों के लिए कुर्सियां साथ में रखी थीं। लेकिन अजीत पवार ने शरद पवार की कुर्सी को अपने बगल से हटवा दिया। इस घटना ने तुरंत सभी का ध्यान खींचा और दोनों नेताओं के बीच दरार की खबरों को फिर से हवा दी।
कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से औपचारिक शिष्टाचार भी नहीं निभाया। शरद पवार ने अपने भाषण में एनसीपी की विचारधारा और एकजुटता पर जोर दिया जबकि अजीत पवार ने राज्य में विकास कार्यों और प्रशासन पर बात की। उनके भाषणों में परस्पर विरोधाभास साफ नजर आया।
कार्यक्रम खत्म होने के बाद शरद पवार और अजीत पवार ने बंद कमरे में करीब 30 मिनट तक बैठक की। इस बैठक में क्या चर्चा हुई इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र में एनसीपी की स्थिति और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर बातचीत हो सकती है।
पवार परिवार में खटास या राजनीतिक चाल?
महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार लंबे समय से सत्ता और प्रभाव का केंद्र रहा है। लेकिन अजीत पवार के बागी रुख ने पार्टी को दो धड़ों में बांट दिया है। एक तरफ शरद पवार पारंपरिक एनसीपी का नेतृत्व कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर अजीत पवार ने बीजेपी और शिवसेना के साथ गठबंधन कर उपमुख्यमंत्री पद संभाला है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव सिर्फ व्यक्तिगत नहीं है बल्कि इसके पीछे सत्ता की राजनीति और आने वाले चुनावों को लेकर रणनीतिक चालें हो सकती हैं।
महाराष्ट्र में एनसीपी की अंदरूनी खींचतान पर बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) की पैनी नजर है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर चुटकी लेते हुए इसे एनसीपी की अंदरूनी कमजोरी करार दिया है। वहीं बीजेपी ने इसे परिवारवाद की राजनीति का परिणाम बताया।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर जनता में भी काफी चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह घटनाक्रम राजनीतिक नाटक का हिस्सा है जबकि कुछ इसे पवार परिवार में बढ़ती खाई के रूप में देख रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार का यह नया अध्याय कई सवाल खड़े करता है। क्या अजीत पवार और शरद पवार के बीच दरारें गहरी हो चुकी हैं या यह सिर्फ चुनाव से पहले की रणनीति है? बंद कमरे में हुई गुप्त बैठक के बाद अब सबकी नजरें दोनों नेताओं के अगले कदम पर टिकी हैं।