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उत्तरकाशी में भूकंप, जान-माल की हानि नहीं लेकिन डर का माहौल

उत्तरकाशी (उत्तराखंड):-  उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार की सुबह भूकंप के दो झटकों ने लोगों को डर के साए में ला दिया। सुबह 7:42 बजे भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया जिसकी तीव्रता 3.5 मैग्नीट्यूड थी। झटका इतना तेज था कि लोग अपने रोजमर्रा के काम छोड़कर घरों से बाहर निकल आए। इसके कुछ देर बाद दूसरा झटका भी महसूस किया गया। हालांकि अभी तक किसी प्रकार की जान-माल की हानि की सूचना नहीं है।

भूकंप के झटकों के दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से पत्थर गिरने लगे। यह क्षेत्र पहले भी कई बार भूस्खलन का शिकार हो चुका है। स्थानीय प्रशासन ने इस इलाके को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की बात कही है।

1991 के विनाशकारी भूकंप ने उत्तरकाशी में भारी तबाही मचाई थी। उसके बाद से अब तक 70 से अधिक छोटे झटकों ने यहां की धरती को हिलाया है। आज का झटका उस घटना की कड़वी यादें ताजा कर गया।

स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और किसी भी अफवाह से बचने की सलाह दी है। अधिकारियों ने कहा कि भूकंप से हुए नुकसान की जांच की जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी है।

भूकंप के झटकों के बाद उत्तरकाशी के निवासी बेहद डरे हुए हैं। 65 वर्षीय रमेश पंत ने कहा सुबह का झटका बहुत तेज था। 1991 की तबाही का दृश्य मेरी आंखों के सामने आ गया। अब हर बार जब धरती हिलती है तो हमें डर लगता है।

भूकंप के लगातार झटके इस क्षेत्र के भूगर्भीय अस्थिरता को दर्शाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तरकाशी भूकंपीय जोन 4 और 5 में आता है जो इसे भूकंप के लिए संवेदनशील बनाता है।

सरकार ने आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए कदम उठाने की बात कही है। इसके तहत भूस्खलन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने सुरक्षित भवन निर्माण पर जोर देने और लोगों को भूकंप से बचाव के लिए जागरूक करने की योजना बनाई जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर उत्तरकाशी में रहने वाले लोगों को प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता का अहसास कराया है।

 

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