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नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनावी घमासान: बीजेपी, आप और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

नई दिल्ली:- दिल्ली की सबसे प्रतिष्ठित नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनावी माहौल पूरी तरह गरमा गया है। आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट को दिल्ली की राजनीति का केंद्र माना जाता है और यहां पर हर चुनाव में जनता का रुझान राज्य की राजनीति को दिशा देता है।

 • अरविंद केजरीवाल (आप): दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल एक बार फिर नई दिल्ली सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। वे अपनी सरकार के शिक्षा, स्वास्थ्य, और मुफ्त बिजली-पानी जैसे योजनाओं को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। केजरीवाल जनता से अपील कर रहे हैं कि आप की नीतियों को समर्थन देकर “दिल्ली मॉडल” को और मजबूत करें।

 • प्रवेश वर्मा (बीजेपी): बीजेपी ने इस बार सांसद और प्रभावशाली नेता प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है। वर्मा अपनी पार्टी की केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे पीएम आवास योजना, उज्ज्वला योजना, और जी20 की मेजबानी के दौरान दिल्ली के विकास कार्यों को चुनावी मंच पर प्रमुखता से रख रहे हैं। उनका जोर आप सरकार के कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करने पर है।

 • संदीप दीक्षित (कांग्रेस): कांग्रेस ने इस सीट पर अपने अनुभवी नेता संदीप दीक्षित को उतारा है। वे शीला दीक्षित सरकार के विकास कार्यों को अपनी ताकत बना रहे हैं और आप और बीजेपी दोनों को “झूठे वादों” के लिए घेरने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रमुख मुद्दे

नई दिल्ली सीट पर इस बार कई प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर जनता के बीच चर्चा हो रही है:

 1. महंगाई और रोजगार: आम लोगों की सबसे बड़ी चिंता बढ़ती महंगाई और रोजगार की कमी है।

 2. फ्री स्कीम बनाम लॉन्ग-टर्म प्लानिंग: आप की मुफ्त योजनाओं के समर्थन और आलोचना के बीच बीजेपी लॉन्ग-टर्म विकास की बात कर रही है।

 3. पर्यावरण और प्रदूषण: दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

 4. केंद्र और राज्य सरकार के बीच खींचतान: आप और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों को लेकर चल रही खींचतान भी जनता के बीच चर्चा का विषय है।

नई दिल्ली सीट पर जनता का मूड अभी तक साफ नहीं है। जहां केजरीवाल के समर्थक उनकी योजनाओं को “आम आदमी का साथी” बता रहे हैं वहीं बीजेपी के समर्थक केंद्र सरकार के “मजबूत नेतृत्व” पर भरोसा जता रहे हैं। कांग्रेस भी अपने पुराने समर्थकों को वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

• अरविंद केजरीवाल का व्यक्तिगत करिश्मा और उनकी योजनाएं आप का मजबूत पक्ष हैं।

• केंद्र सरकार की उपलब्धियां और प्रवेश वर्मा का राजनीतिक अनुभव बीजेपी की ताकत है।

• कांग्रेस दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन पाने के लिए जमीनी स्तर पर मेहनत कर रही है।

नई दिल्ली सीट पर इस बार का मुकाबला बेहद दिलचस्प और अप्रत्याशित नजर आ रहा है। यह सीट दिल्ली के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय कर सकती है। अब देखना होगा कि जनता किसे अपना नेता चुनती है। मतगणना के दिन तक इस मुकाबले के रोमांचक बने रहने की पूरी संभावना है।

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