नई दिल्ली:- भारतीय मूल के उद्योगपति और कारोबारी दुनियाभर में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। HSBC हुरुन ग्लोबल इंडियंस रिच लिस्ट 2024 के हालिया आंकड़ों के अनुसार अप्रवासी भारतीय (NRI) अरबपतियों की संपत्ति में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इस सूची में 101 ऐसे भारतीय शामिल हैं जो विदेशों में बसे हुए हैं और अपने क्षेत्रों में शीर्ष पर हैं।
कौन हैं ये प्रमुख नाम?
हुरुन लिस्ट में जिन प्रमुख भारतीय अरबपतियों का नाम शामिल है उनमें उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल, अनिल अग्रवाल, और गोपीचंद हिंदुजा जैसे दिग्गज शामिल हैं। ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में अग्रणी माने जाते हैं।
• लक्ष्मी मित्तल: स्टील उद्योग के दिग्गज लक्ष्मी मित्तल ने लंदन को अपना घर बनाया है। वे आर्सेलर मित्तल के चेयरमैन हैं और उनकी संपत्ति कई अरब डॉलर आंकी गई है।
• गोपीचंद हिंदुजा: हिंदुजा ग्रुप के सह-अध्यक्ष गोपीचंद हिंदुजा और उनका परिवार भी इस लिस्ट में शीर्ष स्थान पर है। उनका साम्राज्य विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है जिसमें ऑटोमोटिव, बैंकिंग, और रियल एस्टेट प्रमुख हैं।
• अनिल अग्रवाल: प्राकृतिक संसाधनों की दिग्गज कंपनी वेदांता ग्रुप के संस्थापक अनिल अग्रवाल भी अपनी संपत्ति और वैश्विक उपस्थिति के कारण इस सूची का हिस्सा हैं।
हुरुन रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनियाभर में बसे भारतीय अब केवल अपने घर से दूर रहकर काम नहीं कर रहे बल्कि अपने-अपने देशों की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान भी दे रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, और कनाडा जैसे देशों में बसे भारतीय उद्योगपति अपनी संपत्ति और कारोबार के विस्तार में तेजी ला रहे हैं।
• अमेरिका: अमेरिका में बसे भारतीय टेक उद्योग, हेल्थकेयर, और स्टार्टअप्स के जरिए शीर्ष पर हैं।
• ब्रिटेन: ब्रिटेन में बसे भारतीय उद्योगपति पारंपरिक उद्योगों के अलावा नई तकनीकों में भी अपना दबदबा बना रहे हैं।
हुरुन रिपोर्ट के अनुसार इस सूची में शामिल 101 NRI अरबपतियों की कुल संपत्ति 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। यह संपत्ति पिछले साल की तुलना में 15% बढ़ी है। इसका मुख्य कारण उनके व्यवसायों का विस्तार और ग्लोबल मार्केट में उनकी पकड़ मजबूत होना है।
कौन से क्षेत्र हैं मुख्य योगदानकर्ता?
इन NRI अरबपतियों की संपत्ति मुख्य रूप से स्टील, आईटी, ऑटोमोटिव, बैंकिंग, और प्राकृतिक संसाधनों जैसे क्षेत्रों से आई है। इसके अलावा टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर स्टार्टअप्स ने भी उनकी संपत्ति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हालांकि ये अरबपति विदेशों में रहते हैं लेकिन भारत से उनका गहरा जुड़ाव है। वे न केवल भारत में निवेश करते हैं बल्कि सामाजिक कार्यों और परोपकारी गतिविधियों के जरिए भी अपने देश को योगदान देते हैं। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है।
क्या कहता है यह ट्रेंड?
इस सूची का बढ़ता आकार इस बात का प्रमाण है कि भारतीय मूल के लोग वैश्विक स्तर पर कितने सफल हैं। यह ट्रेंड यह भी दर्शाता है कि भारतीय प्रतिभा और मेहनत किसी भी परिस्थिति में खुद को साबित करने की क्षमता रखती है।
HSBC हुरुन ग्लोबल इंडियंस रिच लिस्ट 2024 ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय मूल के लोग दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। यह न केवल भारत के लिए गर्व की बात है बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारतीय योगदान का भी प्रमाण है।