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बजट 2025 में मिडिल क्लास को राहत की उम्मीद, इनकम टैक्स स्लैब में कटौती की संभावना

नई दिल्ली:- भारत में आगामी वित्तीय बजट 2025 को लेकर मिडिल क्लास वर्ग में उत्सुकता बढ़ी हुई है खासकर इस बात को लेकर कि क्या सरकार इस बजट में उन्हें राहत देने के लिए इनकम टैक्स स्लैब में कटौती करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट को लेकर संकेत दिए हैं कि उनका मुख्य फोकस इनकम टैक्स प्रणाली को सरल बनाने पर होगा और संभवतः कुछ टैक्सपेयर्स को राहत भी दी जा सकती है।

आर्थिक माहौल में महंगाई और बढ़ती लागत के बीच खासकर 10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय वाले करदाताओं के लिए यह राहत की खबर हो सकती है। सरकार का उद्देश्य इस वर्ग को कम कर भुगतान करने के साथ-साथ उनके वित्तीय बोझ को कुछ हद तक कम करना है ताकि वे अपनी आय का अधिकतम हिस्सा बचा सकें और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि कर सकें।

वर्तमान में भारत में इनकम टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता जबकि 2.5 लाख से लेकर 5 लाख रुपये तक की आय पर 5%, 5 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक पर 20%, और 10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30% टैक्स लगता है। सरकार द्वारा प्रस्तावित संभावित बदलावों में टैक्स स्लैब की सीमाओं में वृद्धि कुछ विशेष आय वर्गों को राहत देने के साथ-साथ करदाताओं के लिए अधिक सरलता और सुविधा प्रदान करने की संभावना है।

इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी संकेत दिया है कि सरकार मिडिल क्लास को केवल टैक्स कटौती तक सीमित नहीं रखेगी बल्कि उनका उद्देश्य समग्र अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। इस दिशा में सरकार द्वारा कई बड़े सुधारों की संभावना है जो कारोबार के माहौल को प्रोत्साहित करें और रोजगार सृजन में मदद करें।

उपभोक्ता खर्च बढ़ाने के लिए सरकार टैक्स राहत देने की दिशा में कदम उठा सकती है ताकि मिडिल क्लास वर्ग अधिक खर्च कर सके और इसके परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक वृद्धि हो सके। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार इनकम टैक्स स्लैब में कोई राहत देती है तो इसका प्रभाव न केवल मिडिल क्लास पर बल्कि समग्र आर्थिक विकास पर भी पड़ेगा।

यह बजट सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय में आ रहा है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोनावायरस महामारी के बाद उठने बढ़ती महंगाई और वैश्विक आर्थिक दबावों से जूझते हुए आगे बढ़ाना है। मिडिल क्लास को राहत देने के कदमों से सरकार यह संदेश देने की कोशिश कर सकती है कि वह आम आदमी की परेशानियों को समझती है और उन्हें उनके जीवनस्तर को सुधारने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में इन टैक्स राहत उपायों को कैसे लागू करती हैं और क्या ये मिडिल क्लास को उम्मीद के मुताबिक राहत प्रदान कर पाएंगे।

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