पटना (बिहार):- बिहार की राजधानी पटना में विजिलेंस विभाग की टीम ने शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) रजनीकांत प्रवीण के आवास पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में करोड़ों रुपये की नकदी बरामद की गई जो घर के बिस्तरों, अलमारियों और अन्य स्थानों पर छिपाकर रखी गई थी। नकदी की मात्रा इतनी अधिक है कि गिनने के लिए कई मशीनों का सहारा लेना पड़ा।
कैसे शुरू हुई छापेमारी?
विजिलेंस विभाग को रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत मिली थी। आरोप था कि उनके पास आय से अधिक संपत्ति है जो उनके ज्ञात स्रोतों से कहीं अधिक है। इस शिकायत के आधार पर विभाग ने कार्रवाई करते हुए पटना स्थित उनके घर पर छापेमारी की।
विजिलेंस टीम जब उनके आवास पर पहुंची तो घर का नजारा चौंकाने वाला था। बिस्तरों पर नोटों के बंडल रखे हुए थे। अलमारियों में भी भारी मात्रा में नकदी मिली। टीम को कुल रकम गिनने के लिए कई घंटों का समय लगा। गिनती के लिए नकदी गिनने वाली मशीनों का इंतजाम करना पड़ा।
छापेमारी में न केवल नकदी बल्कि कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, संपत्ति के कागजात, लग्जरी गाड़ियां और आभूषण भी बरामद किए गए। शुरुआती अनुमान के अनुसार यह नकदी और संपत्ति करोड़ों रुपये की हो सकती है।
विजिलेंस विभाग की छापेमारी के दौरान DEO रजनीकांत प्रवीण ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह उनके खिलाफ एक साजिश है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं जो आय से अधिक संपत्ति के मामले को साबित करते हैं।
कहां-कहां हुई छानबीन?
विजिलेंस विभाग ने न केवल रजनीकांत प्रवीण के पटना स्थित घर पर बल्कि उनके अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की। इनमें उनके रिश्तेदारों के घर और कुछ करीबी सहयोगियों के आवास भी शामिल हैं।
विजिलेंस विभाग के एक अधिकारी ने कहा हमें रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ कई गुप्त सूचनाएं मिली थीं। जांच के दौरान जो भी सबूत मिले हैं वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है। फिलहाल नकदी की गिनती जारी है और जांच पूरी होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
इस छापेमारी ने बिहार में भ्रष्टाचार के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग में इस तरह की घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। राज्य सरकार पर भी इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।
विजिलेंस विभाग ने रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उनके बैंक खातों और अन्य संपत्तियों की भी जांच की जा रही है। इस मामले में और भी लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। यह छापेमारी न केवल बिहार में भ्रष्टाचार के स्तर को उजागर करती है बल्कि यह भी साबित करती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। DEO रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर राज्य और देश भर के लोग नजर बनाए हुए हैं।