नई दिल्ली:- दिल्ली के आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिस बिना किसी वैध कारण या कानूनी प्रक्रिया के रात के समय पार्टी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी कर रही है। संजय सिंह का आरोप है कि भाजपा की ओर से चुनावी हार की हताशा में ये कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या पुलिस को रात के समय बिना नोटिस, बिना समन, और बिना एफआईआर के इस तरह की कार्रवाई करने का अधिकार है।
संजय सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा पुलिस रात 10 बजे हमारे कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी करती है क्योंकि किसी ने कहा कि संदिग्ध लोग प्रचार कर रहे हैं। क्या पुलिस को रात में किसी के घर में घुसने और बिना नोटिस, बिना समन, बिना एफआईआर के छापेमारी या जांच करने का अधिकार है? यह क्या हो रहा है?” उन्होंने इस संदर्भ में पुलिस की कार्रवाई को “गैरकानूनी” और “अन्यायपूर्ण” बताया।
संजय सिंह ने आगे कहा कि चुनाव आयोग से समय मांगा गया था ताकि वे अपनी शिकायतों और शिकायतों की जांच कर सकें लेकिन तीन दिन बाद भी चुनाव आयोग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हमने चुनाव आयोग से समय मांगा था लेकिन तीन दिन बीत गए और हमें कोई समय नहीं मिला। शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है उन्होंने कहा।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा जो दिल्ली में आगामी चुनावों में अपनी हार को लेकर हताश है इस वजह से इन तरह की घटनाओं को अंजाम दे रही है। उन्होंने कहा वे (भा.ज.पा.) चुनाव हार रहे हैं, इसलिए हार की हताशा में ये हथकंडे अपना रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों इस तरह की कार्रवाईयां आम जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों और स्वतंत्रता के खिलाफ हो रही हैं। उन्होंने इसे विपक्षी पार्टी की आवाज़ को दबाने के प्रयास के रूप में देखा। इस दौरान संजय सिंह ने दिल्ली पुलिस की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए केवल एक राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा दे रही है।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने इस आरोप पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि कई राजनीतिक और नागरिक संगठनों ने इस प्रकार की छापेमारी की आलोचना की है और इसे राज्य मशीनरी का दुरुपयोग मानते हुए निष्पक्ष चुनावों की प्रक्रिया में हस्तक्षेप बताया है।
संजय सिंह और आम आदमी पार्टी का यह आरोप उस समय सामने आया है जब दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा और AAP के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। इस तरह की घटनाओं के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल और अधिक गर्म हो सकता है और इसका असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है।