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वक्फ संशोधन अधिनियम पर संसदीय समिति ने पटना में की बैठक, जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में चर्चा

पटना(बिहार):-वक्फ संशोधन अधिनियम पर विचार-विमर्श के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने शुक्रवार को पटना में एक अहम बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ सांसद और समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अधिनियम से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सभी पक्षों की राय लेना और आवश्यक संशोधनों पर चर्चा करना था।

समिति की प्राथमिकताएं और एजेंडा

जगदंबिका पाल ने बैठक के उद्घाटन भाषण में कहा कि वक्फ अधिनियम में सुधार समय की मांग है और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके उपयोग को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। उन्होंने यह भी बताया कि समिति देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर व्यापक विचार-विमर्श कर रही है ताकि इस अधिनियम में सभी संबंधित पक्षों के सुझावों को शामिल किया जा सके।

उन्होंने कहा “वक्फ संपत्तियों का सही ढंग से प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि अधिनियम में स्पष्टता और आधुनिक प्रबंधन प्रणाली को शामिल किया जाए। यह समिति यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हर क्षेत्र की समस्याओं और समाधान सुझाने वाले सुझावों को गंभीरता से लिया जाए।”  

स्थानीय प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों की भागीदारी 

बैठक में बिहार के विभिन्न जिलों से आए वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता कानूनी विशेषज्ञ और अन्य संबंधित लोग शामिल हुए। उन्होंने समिति के समक्ष अपनी समस्याएं और सुझाव प्रस्तुत किए। पटना के वक्फ बोर्ड के एक सदस्य ने कहा “वक्फ संपत्तियों की लीज, देखरेख और उनके उपयोग के संदर्भ में कई बार दिक्कतें आती हैं। हमें ऐसे प्रावधान चाहिए जो इन प्रक्रियाओं को सरल बनाएं और भ्रष्टाचार पर रोक लगाएं।”  

विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा

बैठक के दौरान वक्फ संपत्तियों के अधिग्रहण अतिक्रमण और प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी जैसे विवादास्पद मुद्दों पर भी चर्चा हुई। कई प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और संबंधित प्रावधानों में सख्त सुधार की आवश्यकता है।  एक सामाजिक कार्यकर्ता ने समिति से आग्रह किया कि अधिनियम में ऐसा प्रावधान जोड़ा जाए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग केवल समुदाय के कल्याण के लिए किया जाए।

महिलाओं की भूमिका पर जोर

बैठक में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। कुछ महिला प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि वक्फ बोर्डों में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए अधिनियम में विशेष प्रावधान जोड़े जाएं। एक महिला प्रतिनिधि ने कहा “समुदाय के विकास में महिलाओं की भागीदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वक्फ बोर्ड में महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करना एक सकारात्मक कदम होगा।”  

जमीनी स्तर की समस्याओं पर ध्यान

विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने जमीनी स्तर पर वक्फ संपत्तियों की समस्याओं को उजागर किया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। इसके अलावा वक्फ बोर्ड के पास इन संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड नहीं होने से कई बार विवाद उत्पन्न होते हैं। जगदंबिका पाल ने इन मुद्दों को गंभीरता से सुनते हुए कहा “डिजिटलाइजेशन के माध्यम से वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार करना हमारी प्राथमिकता में है। यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी बल्कि संपत्तियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।”  

अगली प्रक्रिया

बैठक के अंत में समिति के अध्यक्ष ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और कहा कि समिति उनकी सभी समस्याओं और सुझावों पर विचार करेगी। उन्होंने बताया कि समिति अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार की बैठकें आयोजित करेगी ताकि देशभर के लोगों की राय को शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा “हम इस अधिनियम को ऐसा स्वरूप देने का प्रयास कर रहे हैं जो न केवल वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे बल्कि उनका सही उपयोग भी हो सके। समिति अपनी रिपोर्ट संसद के आगामी सत्र में पेश करेगी।”  

समिति की भविष्य की योजना

बैठक में बताया गया कि समिति अगले चरण में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए तकनीकी सुधार और पारदर्शी प्रक्रियाओं को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जाएगी और विभिन्न मॉडलों का अध्ययन किया जाएगा।  वक्फ संशोधन अधिनियम पर संयुक्त संसदीय समिति की पटना बैठक ने समाज के विभिन्न वर्गों को अपनी राय रखने का एक मंच दिया। यह बैठक न केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग के सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि इससे जुड़ी समस्याओं को उजागर करने और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। अध्यक्ष जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में समिति का यह प्रयास देशभर में वक्फ संपत्तियों के समुचित प्रबंधन और उनके उपयोग के लिए नए मानदंड स्थापित कर सकता है।

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