नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि यह दिन गांवों के लिए और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि इससे ग्रामीण भारत में लोगों को अपनी संपत्तियों के अधिकार मिलने में मदद मिल रही है।
स्वामित्व योजना का उद्देश्य: स्वामित्व योजना की शुरुआत ड्रोन तकनीक के माध्यम से हुई है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बसे घरों के मालिक परिवारों को सटीक संपत्ति रिकॉर्ड प्रदान करना है ताकि ग्रामीण भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। इस योजना के तहत घरों के स्वामित्व को डिजिटल तरीके से दर्ज किया जा रहा है जिससे गांवों में भूमि विवादों में कमी आई है। इसके अलावा इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों की सटीक जानकारी प्राप्त हो रही है जिससे बेहतर संपत्ति कर की वसूली हो रही है।
योजना के लाभ:
संपत्ति कार्ड का वितरण: अब तक 1.53 लाख से अधिक गांवों के लिए 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। इससे ग्रामीण लोगों को अपनी संपत्तियों का प्रमाण पत्र मिल रहा है जिससे वे बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
कम विवाद: इस योजना के जरिए भूमि विवादों में कमी आई है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शांति बनी हुई है।
संपत्ति का मूल्यांकन: इस कार्ड के जरिए ग्रामीण क्षेत्र में संपत्तियों का मूल्यांकन और टैक्सेशन भी अधिक पारदर्शी हो गया है।
आर्थिक सशक्तिकरण: इस योजना ने ग्रामीण लोगों को अपनी संपत्तियों को मुद्रीकरण करने में सक्षम बनाया है जिससे उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
ड्रोन सर्वेक्षण का विस्तार: अब तक 3 लाख 17 हजार से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण हो चुका है जो लक्षित गांवों के 92 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है। सरकार का लक्ष्य है कि जल्द ही 6 लाख से अधिक गांवों को इस योजना से जोड़ दिया जाए।
इस योजना ने ग्रामीण भारत के लिए एक नई दिशा तय की है और यह सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूती प्रदान कर रही है।