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जम्मू कश्मीर में चिल्लई कलां का कहर: शीतलहर और बिजली संकट ने बढ़ाई मुश्किलें

जम्मू कश्मीर(श्रीनगर):-कश्मीर घाटी इन दिनों शीतलहर के तीव्र प्रकोप से जूझ रही है। ‘चिल्लई कलां’ की 40 दिनों की कठोर सर्दी ने पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। श्रीनगर समेत कई इलाकों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

श्रीनगर में टूटा तीन दशक का रिकॉर्ड

श्रीनगर में शुक्रवार की रात बीते तीन दशकों में सबसे ठंडी रात रही पारा शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। हालांकि रविवार को थोड़ी राहत मिली और न्यूनतम तापमान माइनस 4.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

शोपियां रहा सबसे ठंडा इलाका

दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में तापमान शून्य से 8.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो कश्मीर का सबसे ठंडा क्षेत्र रहा। वहीं अनंतनाग बडगाम और पुलवामा जैसे अन्य इलाकों में भी पारा काफी नीचे चला गया।

लद्दाख और जम्मू में भी ठंड का असर

लद्दाख में ठंड ने अपने चरम पर दस्तक दी है। कारगिल का तापमान माइनस 8.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया जबकि लेह में पारा शून्य से 7.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। जम्मू क्षेत्र में भी सर्द हवाओं का असर देखा गया। हालांकि जम्मू शहर का तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस रहा।

बर्फीली सड़कों पर सतर्कता की सलाह

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) कश्मीर ने बर्फबारी और फिसलन भरी सड़कों पर सुरक्षा को लेकर एडवाइजरी जारी की है। वाहन चालकों को अनावश्यक यात्रा से बचने सर्दियों के टायरों का इस्तेमाल करने और आपातकालीन किट साथ रखने की सलाह दी गई है। बाइक चालकों को थर्मल गियर और एंटी-फॉग वाइज़र पहनने की भी सिफारिश की गई है।

बिजली संकट और जमे हुए पाइपों ने बढ़ाई परेशानी

बिजली कटौती और पानी के पाइपों के जमने से लोगों का दैनिक जीवन बेहद कठिन हो गया है। ठंड के कारण घरों में हीटर और अन्य उपकरण चलाने की बढ़ती मांग से बिजली व्यवस्था चरमरा गई है।

आगे क्या है मौसम का हाल?

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है। 26 दिसंबर तक पारा 2-3 डिग्री और गिर सकता है। इसके साथ ही चिल्लई कलां के दौरान बर्फबारी की संभावना भी बनी हुई है।

संघर्षमय दिन परंपरागत तैयारी

चिल्लई कलां के इस कठिन दौर में स्थानीय लोग अपनी परंपरागत विधियों का सहारा ले रहे हैं। गर्म कपड़े कांगर (कोयले की अंगीठी) और कश्मीरी कहवा इस सर्दी से राहत के मुख्य साधन बने हुए हैं। कश्मीर की खूबसूरती के बीच यह सर्दी यहां के लोगों के धैर्य और सहनशक्ति की परीक्षा ले रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति थोड़ी बेहतर होगी।

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