भोपाल (मध्य प्रदेश):- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कहा कि यदि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाते हैं तो इससे चुनावी खर्च में कमी आएगी और विकास की गति में तेजी आएगी। उन्होंने इस प्रस्ताव को लेकर अपनी पूरी समर्थन जताई। मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में चुनावी खर्च में जबरदस्त वृद्धि हुई है। पहले लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के आयोजन पर करीब 11 करोड़ रुपये का खर्च आता था जो अब बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एक साथ चुनाव होने से सरकारों को अपने प्रशासनिक कामकाज पर अधिक ध्यान देने का अवसर मिलेगा। चुनावों के दौरान होने वाली व्यस्तताओं और खर्चों से मुक्त होकर सरकारें अपने विकास कार्यों पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी। इससे प्रदेश में विकास की रफ्तार भी तेज होगी और सरकार को जनहित में नए कदम उठाने का समय मिलेगा।
मुख्यमंत्री यादव ने इसे देश की राजनीतिक प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में प्रस्तुत किया। उनके अनुसार यदि सभी राजनीतिक दल इस विचार को स्वीकार करते हैं तो देश में चुनावी प्रक्रिया की पूरी प्रणाली अधिक सुव्यवस्थित और लागत-प्रभावी हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि सभी राज्यों और केंद्र के चुनाव एक साथ किए जा सकें। इससे चुनावों के दौरान होने वाली अराजकता को कम किया जा सकता है और सरकारों को अपनी प्राथमिकताओं पर काम करने का पर्याप्त समय मिल सकेगा।
इस तरह मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने विचारों से यह स्पष्ट किया कि एक साथ चुनाव देश के विकास में मददगार साबित हो सकते हैं और इससे राजनीतिक खर्चों में भी बड़ी कमी हो सकती है।