बिजनौर (उत्तर प्रदेश):- बिजली के बढ़ते खर्च से परेशान उपभोक्ताओं के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Yojana) बड़ी राहत लेकर आई है। जिले में अब तक 26,000 से अधिक लोगों ने इस योजना के तहत आवेदन किया है जबकि 400 से अधिक घरों में सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। सरकार की ओर से रूफटॉप सोलर सिस्टम पर सब्सिडी देने की वजह से यह योजना तेजी से लोकप्रिय हो रही है।
बिजनौर में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है लेकिन बिजलीघरों की संख्या जस की तस बनी हुई है। साधारण घरों में भी अब एसी और अन्य बिजली उपकरणों का उपयोग बढ़ गया है, जिससे हर महीने भारी बिल आ रहा है। ऐसे में सोलर पैनल लगाने का विकल्प उपभोक्ताओं के लिए राहत का जरिया बन रहा है। गर्मी से पहले जिले में सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया को और तेज करने की योजना बनाई जा रही है।
पहले सोलर पैनल केवल संस्थानों और बड़े उद्योगों तक ही सीमित थे, लेकिन अब सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी ने इसे आम उपभोक्ताओं के लिए भी किफायती बना दिया है। किसानों को पहले से ही सोलर पंप पर सब्सिडी मिल रही थी और अब इस योजना के तहत घरों पर सोलर पैनल लगाने के लिए भी सब्सिडी प्रदान की जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को छूट दे रही हैं जिससे सोलर पैनल लगवाना सस्ता हो गया है।
सोलर पैनल के लाभ
मुफ्त बिजली की सुविधा: सोलर पैनल से बनने वाली बिजली पूरी तरह मुफ्त होती है जिससे बिजली का मासिक बिल काफी हद तक कम हो जाता है।
पर्यावरण के अनुकूल: सौर ऊर्जा प्रदूषण रहित है और पर्यावरण को संरक्षित रखने में मदद करती है।
दीर्घकालिक निवेश: एक बार सोलर पैनल लगवाने के बाद यह कई वर्षों तक काम करता है जिससे यह एक लाभकारी निवेश साबित होता है।
उपभोक्ता कैसे करें आवेदन?
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल है। उपभोक्ता ऑनलाइन पोर्टल या निकटतम बिजली विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने के लिए पात्रता जांच के बाद सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ताओं के खाते में भेजी जाती है।
बिजनौर में योजना के तहत जिन घरों में सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं उनके अनुभव सकारात्मक रहे हैं। अब उम्मीद है कि गर्मियों के शुरू होने से पहले ही जिले के अन्य आवेदकों के घरों में भी सोलर पैनल लग जाएंगे। इससे जिले में बिजली की मांग पर दबाव कम होगा और उपभोक्ताओं को सस्ती व पर्यावरण अनुकूल बिजली उपलब्ध हो सकेगी।