नई दिल्ली:-आज विजय दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अन्य प्रमुख नेताओं ने 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भारतीय सेना नौसेना और वायु सेना के साथ-साथ बांग्लादेश सेना के अधिकारी भी कोलकाता के विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित हुए। राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया “विजय दिवस पर मैं उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देती हूं जिन्होंने 1971 के युद्ध में अभूतपूर्व साहस और पराक्रम का प्रदर्शन किया। उनका बलिदान हर भारतीय को प्रेरित करता रहेगा और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बना रहेगा।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा “आज विजय दिवस पर हम उन सैनिकों की वीरता और बलिदान को सलाम करते हैं जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। उनकी निस्वार्थ सेवा और अटूट समर्पण ने हमारे देश की रक्षा की। उनका साहस और बलिदान हमारे इतिहास में सदा अमिट रहेगा।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया “‘विजय दिवस’ भारतीय सेना के साहस, बलिदान और पराक्रम का प्रतीक है। 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मनों को हराते हुए तिरंगे की शान को बनाए रखा और मानवीय मूल्यों की रक्षा की। देश अपने रणबांकुरों की वीरता पर हमेशा गर्व करता रहेगा।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा “विजय दिवस के इस विशेष अवसर पर, हम अपने सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को नमन करते हैं। उनके साहस और देशभक्ति ने हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की। भारत उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।” लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा “समस्त देशवासियों को विजय दिवस की शुभकामनाएं। 1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना के साहस और रणनीति के आगे पाक सेना ने आत्मसमर्पण किया था। यह ऐतिहासिक दिन हमारे सैनिकों की निष्ठा और देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है।”
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “हम उन सभी सैनिकों को याद करते हैं जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर किए। उनका बलिदान हमेशा हमारी प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
विजय दिवस: पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत का प्रतीक
हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है जो 1971 के युद्ध में भारत की जीत और बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्मृति में समर्पित है। 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुए इस युद्ध का अंत 16 दिसंबर को हुआ जब पाकिस्तानी सेना के जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने आत्मसमर्पण कर दिया। यह दिन भारत की सैन्य ताकत साहस और बलिदान को सम्मानित करने के साथ-साथ भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत ऐतिहासिक और कूटनीतिक संबंधों का प्रतीक भी है।