संभल (उत्तर प्रदेश):- कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने 14 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के पीड़ितों से मुलाकात की। यह हिंसा 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वेक्षण के दौरान भड़की थी जब पुलिस और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। हिंसा के बाद कांग्रेस नेताओं ने पीड़ितों से मिलने का निर्णय लिया था लेकिन 4 दिसंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने दोनों नेताओं को दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर संभल जाने से रोक दिया था।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मुलाकात पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे ‘मीटिंग जिहाद’ करार दिया और कहा कि कांग्रेस नेता एक विशेष समुदाय को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की मुलाकातें कर रहे हैं। उनका आरोप है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ये बैठकें केवल राजनीतिक फायदे के लिए की जा रही हैं न कि वास्तविक मदद के लिए।
इस मुलाकात को लेकर राजनीति गरमा गई है और इस पर दोनों पक्षों की ओर से तीखे बयान सामने आ रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि वे पीड़ितों की आवाज उठाने के लिए वहां गए थे जबकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह एक तरह का राजनीतिक खेल है।